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वाराणसी: सुर, लय और ताल से हुआ मां काली का श्रृंगार, मनोज तिवारी ने ऑनलाइन भजनों से की स्तुति

प्राचीन कालीमठ में तीन दिवसीय शृंगार संगीत महोत्सव संपन्न, प्रदेश के मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने कलाकारों को सम्मानित किया

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Kalimath Varanasi
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वाराणसी। लक्सा स्थित प्राचीन कालीमठ में तीन दिवसीय मां काली शृंगार संगीत महोत्सव बुधवार देर रात सम्पन्न हुआ। अंतिम निशा में मां काली के रौद्र अड़भंगी श्रृंगार के बीच कलाकारों ने सुर, लय और ताल से मां की आराधना की। देर रात तक भक्तगण भजनों और प्रस्तुतियों में डूबे रहे।
भोजपुरी गायक और भाजपा नेता मनोज तिवारी ने दिल्ली से ऑनलाइन मां काली की स्तुति की और भजन प्रस्तुत किया। संगीत समारोह में प्रख्यात सितार वादक पं. देवव्रत मिश्र और उनके पुत्र पं. कृष्ण मिश्रा ने राग वाचस्पति में रूपक तीन ताल के साथ जय जय भवानी की धुन से सभी को भावविभोर कर दिया। तबले पर प्रशांत मिश्र और नवनीत ने संगत की।
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कथक नृत्यांगना डॉ. ममता टंडन की शिष्याएं मांडवी सिंह, शशांभवी सेठ और श्रुति सेठ ने या देवी सर्वभूतेषु पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कथक नृत्यांगना शिल्पा राय ने गणेश वंदना और दुर्गा स्तुति से मंच सजाया। तबला वादक दीपक सिंह ने अपनी प्रस्तुति से तालियां बटोरी। अपर्णा मौर्य, यथार्थ दुबे, दिव्या दुबे और स्नेहा ने मां काली को समर्पित भजनों की प्रस्तुतियां दीं।
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इसके अलावा रवींद्र सिंह, ज्योति, डॉ. अमलेश शुक्ला अमन, वीरेंद्र वीर, पूजा मोदनवाल और सनी मिश्रा समेत कई कलाकारों ने देर रात तक हाजिरी लगाई। कार्यक्रम में प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु, विधायक सौरभ श्रीवास्तव और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रो. अजीत कुमार शुक्ल ने कलाकारों को सम्मानित किया।
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इससे पहले मंदिर के प्रधान पुजारी पं. विकास दुबे काका गुरु ने मां काली को स्नान और श्रृंगार कर रजत प्रतीकात्मक नरमुंड माला धारण कराई। पूरे कार्यक्रम का संचालन गीतकार कन्हैया दुबे केडी ने किया।
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