
Varanasi : अंतरधार्मिक धर्मगुरुओं ने जलवायु कार्रवाई के लिए उठाई आवाज़, ‘बुनियाद’ अभियान’ समर्थन याचिका हुई शुरू


वाराणसी, भदैनी मिरर। उत्तर प्रदेश की जलवायु चुनौतियों पर अंतरधार्मिक संवाद का आयोजन वाराणसी में हुआ, जिसमें धर्मगुरु, नागरिक, सामाजिक प्रतिनिधि और छात्र शामिल हुए। यह कार्यक्रम क्लाइमेट एजेंडा संस्था (TCA) द्वारा होटल डोल्फिन, भेलूपुर में आयोजित किया गया।
ईंट उद्योग में न्याय और स्वच्छ तकनीक पर ध्यान
इस संवाद का मुख्य फोकस ईंट भट्ठा उद्योग में स्वच्छ तकनीक, श्रमिकों का सम्मान और आजीविका सुनिश्चित करने पर था। धर्मगुरुओं ने बताया कि सभी आस्थाओं की परंपराएँ करुणा, न्याय और पृथ्वी संरक्षण जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं, जिन्हें अपनाकर पर्यावरण और मानव समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।



‘बुनियाद’ समर्थन याचिका
कार्यक्रम में ‘बुनियाद समर्थन याचिका’ भी शुरू की गई। यह बहु-हितधारक मंच ईंट उद्योग में न्याय-आधारित बदलाव की मांग करता है और इसमें ईंट भट्ठा मजदूर, संघ, मालिक, तकनीकी विशेषज्ञ और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में जन-केंद्रित बदलाव और सतत विकास को बढ़ावा देना है।

पैनल चर्चा और धर्मगुरुओं के विचार
अंतरधार्मिक गुरुओं ने अपने-अपने धर्मग्रंथों और परंपराओं से प्रकृति संरक्षण और मानव गरिमा बनाए रखने की शिक्षा साझा की।
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शास्त्री देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि वायु और जल प्रदूषण पर शास्त्र भी ध्यान देते हैं, और शांति तभी संभव है जब वातावरण साफ़ हो।
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डॉ. सत्यप्रकाश पांडेय ने बताया कि धर्म हमें कम संसाधनों में संतोषपूर्वक जीवन जीना सिखाता है, जो आधुनिक सस्टेनेबिलिटी का आधार है।
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फादर प्रवीण जोशी ने बाइबल के उदाहरण देते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधन ईश्वर की रचना हैं, और उनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।
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ग्यानी रंजीत ने गुरु वाणी का हवाला देते हुए कहा कि हवा गुरु, पानी पिता और धरती माता समान है, इसलिए प्रकृति का विनाश हानिकारक है।
सरकार से अपील
शास्त्री धर्मेंद्र मिश्रा ने कहा कि बुनियाद अभियान के माध्यम से ईंट उद्योग सुधार के लिए उठाई गई मांगों पर सरकार ध्यान दे।
बुनियाद और TCA के बारे में
बुनियाद उत्तर प्रदेश के ईंट उद्योग में डीकार्बोनाइजेशन और मजदूर कल्याण को बढ़ावा देने वाला बहु-हितधारक मंच है। इसमें 200 से अधिक सदस्य शामिल हैं और यह उद्योग सुधार, प्रौद्योगिकी परिवर्तन और नीतिगत दबाव बनाने में सक्रिय है।

द क्लाइमेट एजेंडा (TCA) भारत में जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए काम करता है। यह संगठन समानता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आजीविका के स्तंभों पर काम करते हुए नीति और जमीन के बीच का अंतर पाटने का प्रयास करता है।

