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वाराणसी : IIT-BHU पहुंचा स्प्रिंगर नेचर इंडिया रिसर्च टूर 2025 

देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान, नवाचार एवं सहयोग को करना है प्रोत्साहित

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निदेशक अमित महापात्रा ने शोधकर्ताओं से सक्रिय योगदान देने का किया आह्वान

वाराणसी, भदैनी मिरर। स्प्रिंगर नेचर, शिक्षा मंत्रालय एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के सहयोग से, देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान, नवाचार एवं सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु इंडिया रिसर्च टूर 2025 का आयोजन कर रहा है। इसी पहल के तहत स्प्रिंगर नेचर का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU) पहुंचा। कार्यक्रम की शुरुआत स्प्रिंगर नेचर इंडिया रिसर्च बस टूर–टूर-2025 के शुभारंभ और वृक्षारोपण से हुई। इसके बाद कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया गया। 

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श्रीनिवास देशपांडे पुस्तकालय के तत्वावधान में ABLT हॉल-4 में आयोजित स्वागत समारोह में शोध दल के सम्मान के साथ-साथ 200 से अधिक शोधार्थियों के लिए कार्यशालाएं और पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। मुख्य अतिथि आईआईटी (BHU) के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा रहे। इस मौके पर प्रोफेसर अमित पात्रा ने ज्ञान-विकास में ओपन साइंस और सहयोगात्मक अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने अनुसंधान निष्ठा, समावेशिता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में स्प्रिंगर नेचर की पहल की सराहना की। शोधकर्ताओं से सतत एवं न्यायसंगत वैश्विक अनुसंधान लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।

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स्प्रिंगर नेचर इंडिया के प्रबंध निदेशक वेंकटेश सर्वसिद्धि ने बताया कि इंडिया रिसर्च टूर 2025 का उद्देश्य विभिन्न संस्थानों के विद्वानों और शिक्षकों से संवाद स्थापित कर ओपन एक्सेस पब्लिशिंग, रिसर्च इंटीग्रिटी और महिला शोधकर्ताओं के योगदान की पहचान जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करना है। यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों से भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि स्प्रिंगर नेचर पारदर्शी, समावेशी और खुले अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अतिथियों का स्वागत प्रभारी प्रोफेसर सेंथिल राजा ए. ने किया और कार्यक्रम की थीम -“Empowering Research for All: Open Access, Open Science, Research Integrity, and Promoting Diversity, Equity, and Inclusion in Research साझा की। यह आयोजन लैंगिक समानता और असमानता में कमी की प्राप्ति के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन लक्ष्यों के अनुरूप, आईआईटी (BHU) की छह महिला शोधकर्ताओं डॉ. स्नेहा, आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड डिज़ाइन विभाग, डॉ. सुप्रिया मोहंती, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, डॉ. कल्पना चौधरी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, डॉ. सांत्वना मुखोपाध्याय, गणितीय विज्ञान विभाग, डॉ. गौरी बालाचंदर, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग, डॉ. सुखदा, ह्यूमैनिस्टिक स्टडीज़ विभाग को उनके उत्कृष्ट अकादमिक एवं अनुसंधान योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

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इस दौरान प्रो. विशाल मिश्रा (बायोकेमिकल इंजीनियरिंग), प्रो. एपी. हर्षा (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) और प्रो. सुशान्त कुमार श्रीवास्तव (फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी)। जर्नल अवार्ड्स प्रदान किए गए। प्रो. मीरा देबनाथ (दास) (बायोकेमिकल इंजीनियरिंग), प्रो. प्रलय मैती (मैटेरियल्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी) और प्रो. पंडीस्वर मकाम (केमिस्ट्री) भी अवार्ड्स से सम्मानित हुए। डॉ. नवीन उपाध्याय, डिप्टी लाइब्रेरियन, आईआईटी (बीएचयू) ने स्प्रिंगर नेचर और सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रो. सुशान्त कुमार नायक (राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अर्थशास्त्र विभाग), नेहा त्रिवेदी (पब्लिशिंग डायरेक्टर, स्प्रिंगर नेचर इंडिया), प्रो. राजेश कुमार (डीन, अनुसंधान एवं विकास), प्रो. निलय कृष्ण मुखोपाध्याय (डीन, फैकल्टी अफेयर्स), प्रो. सुशान्त कुमार श्रीवास्तव (समन्वयक, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ), प्रो. आभा मिश्रा (सह-डीन, आरएंडडी), सुमित कुमार बिस्वास (रजिस्ट्रार) एवं कानू चक्रवर्ती (सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष) उपस्थित रहे।
 

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