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Varanasi : वन विभाग की नई पहल, अब काशीवासियों को नाव से कराएगा डॉल्फिन सफारी

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वाराणसी। पानी में छलांग लगाकर पल भर में गायब हो जाने वाली डॉल्फिन (सूस) को देखना रोमांचक अनुभव होता है। मानी जाती है कि ये जल जीव हर दो से तीन मिनट में सांस लेने के लिए सतह पर आती हैं। डॉल्फिन देखने के बढ़ते क्रेज को देखते हुए वन विभाग अब वाराणसी में डॉल्फिन सफारी शुरू करने की तैयारी कर रहा है, ठीक वैसे ही जैसे टाइगर सफारी होती है। इस पहल में वन विभाग को पर्यटन विभाग का भी सहयोग मिलेगा।  

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नाव से होगी रोमांचक डॉल्फिन सफारी

वन संरक्षक डॉ. रवि सिंह ने बताया कि डॉल्फिन सफारी के लिए विभाग अपनी नाव उपलब्ध कराएगा, जिससे पर्यटक गंगा में इन जल जीवों का दीदार कर सकेंगे। एक बार में सात लोग नाव पर सवार होकर आधे घंटे तक सफारी का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए पर्यटकों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसके लिए वन विभाग जल्द ही एक वेबसाइट लांच करेगा।  

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सफारी के दौरान विशेषज्ञ डॉल्फिन और गंगा की जैव विविधता से जुड़ी रोचक जानकारी भी साझा करेंगे। विभाग की योजना के अनुसार, हर दिन तीन से चार बार नाव संचालित की जाएगी और हर यात्रा के लिए एक निश्चित समय तय किया जाएगा।  

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कैथी से ढकवां के बीच 50 से 60 डॉल्फिन मौजूद

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वन विभाग के अनुसार, वाराणसी के कैथी से ढकवां गांव के बीच गंगा नदी में इस समय लगभग 50 से 60 डॉल्फिन मौजूद हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि गंगा जल की गुणवत्ता में सुधार होने से इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। पर्यावरणविदों और डॉल्फिन प्रेमियों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।  

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डॉल्फिन स्वच्छ जल में ही जीवित रह सकती हैं, इसलिए गंगा में उनकी संख्या का बढ़ना इस बात का प्रमाण है कि जल की गुणवत्ता सुधर रही है। इससे भविष्य में इस क्षेत्र में और अधिक डॉल्फिन दिखने की संभावना बढ़ गई है।  

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बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए नई पहल 

वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि कैथी क्षेत्र में डॉल्फिन देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इसे देखते हुए विभाग ने डॉल्फिन सफारी की योजना बनाई है। खास बात यह है कि इन दिनों गंगा में बड़ी डॉल्फिन के साथ उनके बच्चों को भी देखा जा सकता है।  

साथ ही, मछुआरों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वे डॉल्फिन के संरक्षण में सहयोग कर सकें। यह पहल न सिर्फ पर्यटकों को रोमांचक अनुभव देगी बल्कि गंगा की जैव विविधता और डॉल्फिन के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी।

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