वाराणसी : कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी मामले में बड़ा खुलासा, पांच आरोपित गिरफ्तार
23 करोड़ रूपये के फर्जी लेन-देनका पर्दाफाश, मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल से जुड़े हैं तार
रोहनिया से तीन और सारनाथ थाना क्षेत्र से दो की हुई गिरफ्तारी
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने कोडीन युक्त कफ सीरप की तस्करी मामले में बड़ा खुलासा किया। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर 23 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन का पर्दाफाश किया गया है। कार्रवाई के दौरान वरुणा जोन के रोहनिया थाना क्षेत्र में तीन और सारनाथ क्षेत्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे मामले में कई शेल कंपनियों के माध्यम से फर्जी भुगतान और अवैध लेन देन किया जा रहा था। यह सारे तस्कर कफ सिरप कांड के सरगना शुभम जायसवाल से जुड़े थे।



गिरफ्तार लोगों में रोहनिया से स्वप्निल केशरी, दिनेश यादव और आशीष यादव हैं, जबकि सारनाथ से विष्णु पांडेय और लोकेश अग्रवाल की गिरफ्तारी हुई है। यह सब अवैध शेल कंपनियों की स्थापना करते थे। इसके बाद जीएसटी नंबर और ड्रग लाइसेंस भी हासिल कर लेते थे। वास्तव में यह कम्पनियां कोई भी खरीद-बिक्री का काम नही करती थी और कंपनियां केवल कागज पर अस्तित्व में हैं और पूरी तरह से झूठे जीएसटी बिल और इनवॉइस तैयार करती हैं। पुलिस के अनुसार यह कंपनियां एसबी फार्मा, अल उकबा, सिंह मेडिकोज और सारनाथ की पीडी फार्मा जैसे नामों से संचालित हो रही थीं। रोहिनिया की कंपनियों में शुभम जायसवाल, दिनेश यादव और आशीष यादव शामिल हैं। सारनाथ के प्रतीक गुजराती और लोकेश जायसवाल के फॉर्म्स के माध्यम से इन सभी पैसों का फाइनल ट्रांजैक्शन उनके अकाउंट में किया जाता था।

पूछताछ में पता चला कि पीडी फार्मा कंपनी में 13 करोड़ रुपये का कैश डिपॉजिट किया गया था। सारनाथ की कंपनी में लगभग 6 से 7 करोड़ रुपये का कैश और 3 से 4 करोड़ रुपये का आरटीजीएस के माध्यम से लेन-देन हुआ था। हालांकि, यह सभी कंपनियां केवल सेल कंपनियां हैं और इनके पास कोई भी भौतिक सामान नहीं है। इन कंपनियों के कार्यालय में केवल एक कमरे में टेबल और चेयर होते हैं। पुलिस के अनुसार यह कंपनियां अवैध कफ सिरप तस्करी में लिप्त थीं और इनका सम्बंध बिहार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़ा है। क्योंकि वहां कफ सिरप की कीमत 10 गुना अधिक है। इनसे प्राप्त होने वाला पैसा गोल्ड के रूप में या हवाला के माध्यम से नोटों के रूप में वाराणसी में रिसीव किया जाता था। पुलिस को इस मामले में अन्य आरोपितों के बारे में जानकारियां मिली हैं। उनकी भी तलाश की जा रही है। पुलिस ने इनके पास से 01 चेकबुक, 01 मोहर पीडी फार्मा, 01 लेटर पेंडबुक पीडी फार्मा, 120 पीडी फार्मा का हस्ताक्षरयुक्त बिल, 01 एटीएम, 01 लैपटाप, मोबाइल फोन बरामद किया है। इन आरोपितो में विष्णु कुमार पाण्डेय सारनाथ थाना क्षेत्र के तिसरिया परशुरामपुर, लोकेश अग्रवाल सिगरा थाना क्षेत्र के महमूरगंज के मोहिनी कुंज का निवासी है।

सप्तसागर दवा मंडी में हुई थी इनकी मुलाकात, शुभम ने सिखाये तस्करी के गुर
पूछताछ में इन आरोपितों ने बताया कि हम सब कई वर्षों से दवाओं की खरीद फरोख्त करते रहे हैं। हम लोगों की जान पहचान बनारस की दवा मंडी सप्तसागर मैदागिन में हुई थी। आरोपित दिनेश कुमार यादव के दुकान के सामने शुभम जायसवाल की दवा की दुकान है। दिनेश कुमार यादव और आशीष यादव ने स्वपनिल केशरी को पैसा कमाने का तरीका बताया और शुभम जायसवाल से कई बार मिलवाया और शुभम जायसवाल ने हम लोगों को मेडिकल फार्मा एजेंसी की रजिस्टर्ड दुकान खोलने का तरीका बताया। इसके बाद हम लोगों द्वारा शुभम जायसवाल के साथ मिलकर जनपद चंदौली में तीन मेडिकल का एजेंसी फर्म खोला गया। कंपनी के नाम से शुभम जायसवाल और दिनेश कुमार यादव व आशीष यादव द्वारा न्यू फ़िसाडील व इसकफ कफ सिरप उन लोगों द्वारा मंगवाकर बनारस चंदीली व अन्य जिलों में गुप्त रूप से रखकर स्टोर करवाते और बेचते थे।
