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बनारस के बिजलीकर्मियों  ने निजीकरण पर मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग

बिजलीकर्मियों को प्रदेश भर में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन जारी 

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बिजलीकर्मियों को डराने, धमकाने, ट्रांसफर, छंटनी कर उत्पीड़न कर रहा प्रबंधन
 

वाराणसी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति वाराणसी के बैनर तले तीसरे दिन शुक्रवार को भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर केंद्रीय पदाधिकारियों ने विरोध सभा के दौरान बिजली कर्मियों में उत्साह भरा। पदाधिकारियों ने ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा बिजली के निजीकरण के दौरान जो तीन विकल्प दिए है उसके संदर्भ में जब बिजलिकर्मियों कि राय मांगी गई तो सभी बिजलिकर्मियों ने एक शुर में नकार दिया। 

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सभा में अभियंता संघ के प्रदेश महासचिव ई. जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम पर प्रबंधन की हठवादिता के चलते विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराएं। जिला अधिकारियों द्वारा बिजलीकर्मी नेताओं की बुलाई गई बैठकों में कर्मियों ने उन्हें दो टूक बता दिया है कि निजीकरण पर कोई भी बात करनी है तो संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों से की जाय। तीसरे दिन बिजलीकर्मियों ने प्रदेश भर में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

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समिति के केंद्रीय पदाधिकारी महेंद्र राय ने कहा है कि बिजली कर्मचारी इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं होने देना चाहते। इसी दृष्टि से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी शांतिपूर्वक ध्यानाकर्षण आंदोलन चला रहे हैं। किंतु प्रबंधन इस आंदोलन को हड़ताल बताकर बिजलीकर्मियों को डराने, धमकाने, उत्पीड़न करने, ट्रांसफर करने, संविदाकर्मियों की बड़े पैमाने पर छटनी करने जैसे उत्पीड़नात्मक कदम उठाकर ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर अशांति का वातावरण बना रहा है। 

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राज्य विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सीबी उपाध्याय ने कहा कि बिजली कर्मचारियों का मुख्यमंत्री पर विश्वास है। उनके नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों ने 2017 में 41 प्रतिशत एटीएंडसी हानियों को घटाकर 2024 तक 16.5 प्रतिशत कर दिया है। किंतु निजी घरानों की मिलीभगत के चलते पावर कारपोरेशन प्रबंधन उनके सामने झूठे, मनगढ़ंत आंकड़े रखकर घाटे का हवाला देकर निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। वह टकराव का वातावरण बना रहा है। समिति ने कहा कि मुख्यमंत्री हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त कराएं तो बिजलीकर्मी और अधिक मनोयोग  से सुधार की प्रक्रिया में जुट जाएंगे। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा शांतिपूर्वक ध्यानाकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताते हुए जिला अधिकारियों को भेजे गए पत्र के बाद जिला अधिकारियों ने विभिन्न जनपदों में बिजली कर्मचारियों के स्थानीय नेताओं को बुलाकर बात की।

जूनियर इंजीनियर संगठन के केंद्रीय पदाधिकारी ई. दीपक गुप्ता ने कहा कि समिति के आह्वान पर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मियों ने कहा कि वे शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर  मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण कर रहे हैं, किन्तु प्रबंधन उत्पीड़न कर रहा है। इससे उत्पन्न होने वाले टकराव के परिणाम की सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के इशारे पर हजारों बिजली कर्मचारियों को परामर्श के नाम पर धमकी भरे पत्र दिए जा रहे हैं। निजी घरानों की मदद करने हेतु बड़े पैमाने पर संविदाकर्मियों की छटनी की जा रही है। पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन रोज वीडियो कान्फ्रेसिंग कर दमन की भाषा बोल रहे हैं। इन सब बातों से कार्य का वातावरण बिगड़ रहा है। सभा की अध्यक्षता संतोष वर्मा ने और संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया। सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, ई. जितेंद्र सिंह गुर्जर,महेंद्र राय, सीबी उपाध्याय, ई. जगदीश पटेल, रविन्द्र यादव, ई. प्रीति यादव, मोनिका केशरी, नेहा कुमारी, अलका कुमारी, रमाशंकर पल, ई. अविनाश कुमार, ई. हेमन्त सिंह, ई. नीरज बिंद, दीपक गुप्ता, ई. प्रमोद कुमार, राजेश कुमार, मदन श्रीवास्तव,अजित यादव, मनोज यादव आदि ने संबोधित किया।
 

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