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बनारस के बिजलीकर्मियों ने पकौड़ा तलकर जताया विरोध, दिखाया सरकार को आईना

यूपी में बिजली के निजीकरण पर अमादा सरकार व पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन के खिलाफ 190 दिन से आंदोलित हैं कर्मचारी

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निजी घरानों को लाभ देने के लिए कर्मचारियों और जनता के हितों की अनदेखी कर रही सरकार

कर्मचारियों ने खोले प्रबंधन और सरकार के मिलभगत के काले चिट्ठे, 42 जिलों के बिजली निजीकरण की हो रही तैयारी 

वाराणसी, भदैनी मिरर। निजीकरण पर अमादा यूपी सरकार के विरोध के 190वें दिन गुरूवार को भिखारीपुर में बनारस के बिजलीकर्मियों ने पकौड़ा तलकर बिजली के निजीकरण का अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही प्रबंधन और सरकार की मिलीभगत के कारनामांं के काले चिट्ठे भी खोले। आंदोलनकारियों का कहना है कि तमाम तरीके से समझाने और विरोध प्रदर्शन के बावजूद सरकार के कान में जूं तक नही रेंग रहा है। ऐसे में बेरोजगारों को पकौड़े तलने की सलाह देनेवाली सरकार को हम कर्मचारी भी आईना दिखा रहे हैं। क्योंकि निजीकरण के बाद बेरोजगार कर्मचारियों के पास पकौड़ा तलने का ही विकल्प बचता है।

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कर्मचारी नेताओं ने कहाकि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजी घरानों से मिलीभगत कर निजीकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने में लगा है। प्रशासनिक आधार पर पूर्वांचल डिस्कॉम में अभियन्ताओं का स्थानान्तरण किये जाने से बिजलीकर्मियों में काफी नाराजगी है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध के तहत भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर पूरे आक्रोश के साथ कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही बिजलिकर्मियों ने पकौड़ा तलकर निजीकरण का विरोध किया।
ई. एस.के.सिंह ने आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन और चेयरमैन निजी घरानों के साथ मिलीभगत कर कौड़ियों के दाम 42 जनपदों के बिजली का निजीकरण करने में लगे हैं। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक रूप से दण्डित किया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा प्रशासनिक आधार पर अभियन्ताओं का स्थानान्तरण किये जाने के सम्बन्ध में बिजलीकर्मियों में गुस्सा फैल गया है।

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ई. पंकज जायसवाल ने आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है। इसी दृष्टि से झूठा शपथ पत्र देने वाले ग्रांट थॉर्टन को निदेशक वित्त निधि नारंग से क्लीन चिट दिलाई गयी है। चर्चा है कि निदेशक वित्त निधि नारंग पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और कारपोरेट घरानों के बीच मिलीभगत में सेतु का काम कर रहे हैं। एक बड़े कारपोरेट घराने के प्रबन्ध निदेशक बयान दे चुके हैं कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु बनाया गया आरएफपी डॉक्यूमेंट उनसे चर्चा करके बनाया गया है। इसके लिए उनकी कम्पनी निजीकरण का टेण्डर डालने हेतु उत्साहित है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बढ़ाकर घाटा दिखाने के लिए नियामक आयोग को सौंपे गये एआरआर को पुनरीक्षित किया है। 

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अंकुर पाण्डेय ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2017 में 41 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024 में एटी एण्ड सी हानियां 16.5 प्रतिशत रह गयी हैं। किन्तु 2025-26 के लिए पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिये गये एआरआर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की 2024-25 में 18.49 प्रतिशत हानियों के सापेक्ष बढ़ाकर 36.08 प्रतिशत और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 2024-25 में 18.97 प्रतिशत के सापेक्ष बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 28.48 प्रतिशत हानियां दिखाई गयी हैं। सवाल यह है कि आरडीएसएस स्कीम के प्रणाली सुधार में हजारों करोड़ रूपये खर्च करने के बाद बढ़ी हुई हानियां किस आधार पर दिखाई गयी हैं। साफ है कि निजीघरानों को लाभ दिलाने हेतु बढ़ा-चढ़ा कर प्रबन्धन घाटा दिखा रहा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

लाखों करोड़ रूपये की परिसम्पत्तियां निजी घरानों को कौड़ियों के मोल बेचने के लिए साजिश रची जा रही है। 42 जनपदों की सारी जमीन मात्र 1 रूपये की लीज पर निजीघरानों को देने की तैयारी है। संघर्ष समिति निजीकरण के पीछे हो रहे घोटालों का चरणबद्ध ढंग से खुलासा करेगी। विजय नारायण हिटलर ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन ने कल धमकी दी है कि अनुशासनहीनता करने वाले अभियन्ताओं को नगरीय क्षेत्र से स्थानान्तरित किया जाय और 15 जून से पहले ऐसे अभियन्ताओं की सूची भेजी जाय जिन्हें प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरित किया जाना है।

संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के विरोध में विगत 06 माह से चल रहे आन्दोलन से बौखलाये पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन उत्पीड़न पर उतर आये हैं। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से वे लगातार अभियन्ताओं को  धमकी दे रहे हैं। सवाल यह है कि निजीकरण के विरोध में शान्तिपूर्वक आन्दोलनरत बिजलीकर्मी जो सर्वोच्च प्राथमिकता पर उपभोक्ता सेवाओं को अटेण्ड कर रहे हैं, वह किस अनुशासनहीनता के दोषी हैं। वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा इसी प्रकार 6 अभियन्ताओं को दण्डित करने की दृष्टि से स्थानान्तरित किया गया है।

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि यह सभी स्थानान्तरण निरस्त न किये गये, अभियन्ताओं को दी गयी चार्जशीट वापस न ली गयी और किसी भी अभियन्ता को इस आधार पर दण्डित करने की कोशिश की गयी तो इसके विरोध में प्रान्तव्यापी आन्दोलन होगा। सभा को  ई. मायाशंकर तिवारी, ई. नरेंद्र वर्मा, ई. गुलाबचन्द, रविन्द्र यादव, संतोष वर्मा, कृष्णा सिंह,आशा जी, मोनिका केशरी, अंकुर पाण्डेय, ई.एस.के. सिंह, ई.के.के. ओझा, ई. राहुल श्रीवास्तव, मनोज यादव, उदयभान दुबे आदि ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता जमुना पाल ने और संचालन सौरभ श्रीवास्तव ने किया।

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