
Varanasi : नवरात्र में नशा और मांसाहार पर रोक लगाने की मांग, भगवती मानव कल्याण संगठन ने सीएम योगी को लिखा पत्र
संगठन ने प्रदेशभर में शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाने की उठाई मांग, कहा- सात्विक वातावरण में नवरात्र मनाने से ही होगा जनमानस का कल्याण


20 लाख से अधिक साधक नशा व मांसाहार मुक्त समाज बनाने में जुटे
वाराणसी,भदैनी मिरर। शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। इस पावन पर्व को सात्विकता और भक्ति के साथ मनाने के लिए भगवती मानव कल्याण संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वाराणसी के जिलाधिकारी को लिखे पत्र को संगठन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम के प्रतिनिधि को सौंपा।



संगठन के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार मिश्रा ने पत्र में कहा है कि नवरात्र के दौरान पूरा वातावरण दैवीय ऊर्जा और सात्विकता से परिपूर्ण होता है। लाखों लोग 9 दिन उपवास और साधना-आराधना करते हैं। जगह-जगह दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं और जनमानस भक्ति में लीन रहता है।

लेकिन ऐसे समय में शराब की बिक्री और मांसाहार का व्यापार होने से वातावरण दूषित होता है, जिससे साधकों को मानसिक क्लेश होता है और उनकी साधना बाधित होती है।
गोरखपुर मॉडल पर पूरे प्रदेश में रोक की मांग
पत्र में कहा गया है कि जैसे गोरखपुर मंडल में नवरात्र पर शराब और मांसाहार की बिक्री पर रोक लगाई जाती है, उसी तरह पूरे उत्तर प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जाए। संगठन ने इसे बहुसंख्यक समाज की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा बताया और सरकार से संवेदनशील कदम उठाने की अपील की।

संगठन ने बताया कि **परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज** के मार्गदर्शन में गठित यह धार्मिक-आध्यात्मिक संगठन 20 लाख से अधिक साधकों के साथ काम कर रहा है। सभी सदस्य नशा और मांसाहार से दूर रहकर समाज में सात्विकता और सद्भावना फैलाने के लिए प्रयासरत हैं।
संपूर्ण प्रदेश को नशा और मांसाहार मुक्त बनाने की मांग
संगठन ने स्पष्ट कहा कि नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं का सम्मान किया जाए। साथ ही, प्रदेश को स्थायी रूप से नशा और मांसाहार मुक्त बनाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जाएं।

