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महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म मामले में फर्जी दरोगा की जमानत याचिका खारिज, वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला

वाराणसी फास्टट्रैक कोर्ट ने गंभीर आरोपों को देखते हुए आरोपी निखिल उर्फ निखिलेश त्रिवेदी उर्फ शानू को राहत देने से किया इंकार

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Varanasi News
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वाराणसी, भदैनी मिरर। महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म के गंभीर मामले में आरोपित फर्जी दरोगा को वाराणसी की फास्टट्रैक कोर्ट से राहत नहीं मिली है। फास्टट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने आरोपी निखिल उर्फ निखिलेश त्रिवेदी उर्फ शानू निवासी बड़ौरा, उन्नाव की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, पीड़िता ने 16 नवंबर 2024 को चितईपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि 29 अक्टूबर 2024 को ड्यूटी के दौरान अन्नपूर्णा मंदिर पर एक युवक पुलिस उपनिरीक्षक की वर्दी में मिला। उसने खुद को पीएचक्यू (लखनऊ) में कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर महिला कांस्टेबल से मोबाइल नंबर ले लिया।
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इसके बाद लगातार फोन कर बातचीत शुरू की और 4 नवंबर 2024 को जब पीड़िता ड्यूटी समाप्त कर घर लौट रही थी, तो आरोपी ने रामापुरा चौराहे पर उसका पीछा किया और उसके कमरे में जबरन घुसकर दुष्कर्म किया। शोर मचाने पर पीड़िता की बहन मौके पर पहुंची तो आरोपी धमकी देते हुए वहां से फरार हो गया।
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पीड़िता के मुताबिक आरोपी लगातार पीछा करता रहा और वीडियो-फोटो वायरल करने की धमकी भी देता रहा। पीएचक्यू से जानकारी करने पर यह सामने आया कि निखिल नाम का कोई भी व्यक्ति वहां तैनात नहीं है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के पास से पुलिस वर्दी, बैच, बिल्ला समेत कई सामान भी बरामद किए गए।
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फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत में वादिनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और मुकेश सिंह ने पक्ष रखा।
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