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वाराणसी : खूंखार तेंदुए के दहशत के साये में चौबेपुर, काम्बिंग जारी

डर के मारे सैकड़ों लोग घरों में कैद होने पर है मजबूर

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तेंदुए के बारे में मिले पक्की सूचना, तब आये लोगों की जान में जान

बिहार के जंगलों से होते हुए बभनपुरा तक पहुंचा तेंदुआ

वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी जिले के ग्रामीण क्षेत्र चौबेपुर में खूंखार तेंदुए का दहशत अब भी कायम है। उसके डर से करीब चार से पांच हजार लोग घरों में कैद रहने को विवश है। तेंदुए को पकड़ने के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर पुलिसकर्मी वन विभाग की टीम से साथ काम्बिंग कर रहे हैं। हालांकि अधिकारिक तौर पर शनिवार की सुबह से तेंदुए के हरकत की कहीं से कोई सूचना नही मिली है। लेकिन कभी करौंदे तो कभी बबूल के जंगल में उसकी मौजदगी और दिखाई देने की अफवाहें उड़ रही हैं। दहशत का आलम यह है कि गांव के चट्टी, चौराहों पर रोज बैठकी जमानेवालों की भी हालत खराब है। रह-रहकर तेंदुए के आने की अफवाह मात्र से लोग भागते दिखाई दे रहे हैं। वैसे तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने गौरा कला नवापुरा समेत दस गांवों को चिन्हित किया है। ग्रामीणों से एहतियात के तौर पर सावधानी बरतने की अपील की गई है।  

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गौरतलब है कि शुक्रवार को चौबेपुर थाना क्षेत्र के गौरा कला स्थित कामाख्या नगर कॉलोनी में तेंदुआ नजर आने से हड़कंप मच गया था। सुबह करीब नौ बजे एक निजी सीसीटीवी कैमरे में तेंदुआ खाली प्लाटों से भागता हुआ दिखाई दिया। इसी दौरान फूल तोड़ने गये नवापुरा बस्ती निवासी अमित मौर्य को तेंदुए ने घायल कर दिया था। इसके बाद दो अन्य लोगों के भी उसने जख्मी कर दिया। तेंदुए ने दो बकरियों पर भी हमला किया लेकिन अपना शिकार नही बना पाया। डीएफओ स्वाति सिंह, रेंजर व वन विभाग की टीम के साथ चौबेपुर और सारनाथ थानों की पुलिस काम्बिंग कर रही है। उधर, दूसरे दिन भी तेंदुए के न पकड़े जाने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी हुई है। खासकर लोग बच्चे और बूढ़ों को घरों से बाहर नही निकलने दे रहे हैं।

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काम्बिंग में लगी टीम ने दिनभर तेंदुए के पदचिन्हों के आधार पर उसकी मौजूदगी का पता लगाने की कोशिशें की। शनिवार को तेंदुए के पदचिन्हे गौरा गांव के पूर्वी ओर मिले थे। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि तेंदुआ वापस जाने के रास्ते खोज रहा है। आशंका जताई जा रही है कि तेंदुआ बिहार के जंगलों से होता हुआ चंदौली और फिर चौबेपुर तक पहुंचा। जानकारों ने आशंका जताई की चंदौली के जंगल से बिहार के जंगल सटे हुए हैं। बिहार के जंगल से होते हुए चंदौली और रिंग रोड फेज दो होते हुए बभनपुरा तक पहुंच गया। सरायमोहना और गंगा के किनारे बबूल के तमाम जंगल हैं। तेंदुए के उसमें छुपे होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल तेंदुआ है या नही, यदि है तो किधर और उसके पकड़े, न पकड़े जाने की चिंता में ग्रामीण डूबे हुए हैं। क्योंकि बिना तेंदुए की पक्की खबर मिले लोगों को चैन नही मिलने वाला। 
 

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