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वाराणसी: अधिवक्ताओं की हड़ताल के बीच Central Bar Association अध्यक्ष मंगलेश दुबे बोले – सम्मान और संवाद से ही हल संभव

जिला कोर्ट में अधिवक्ताओं की हड़ताल, न्यायिक कार्य ठप, मंगलेश दुबे ने प्रेस वार्ता में पुलिस-प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

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अधिवक्ता अगर सम्मान पाते तो ऐसी घटनाएँ न होतीं” – दुबे

अधिवक्ताओं पर हमलों और पुराने विवादों का भी किया जिक्र

समाधान का रास्ता सिर्फ संवाद और सख्त कार्यवाही से: Central Bar अध्यक्ष

वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी पुलिस-अधिवक्ता विवाद के बाद शनिवार को जिला कोर्ट में अधिवक्ताओं ने हड़ताल कर न्यायिक कार्य से दूरी बनाई। अधिवक्ताओं के विरोध के बीच Central Bar Association के अध्यक्ष मंगलेश दुबे ने प्रेस वार्ता कर पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि “अगर अधिवक्ता को वास्तव में ‘ऑफिसर ऑफ द कोर्ट’ का सम्मान दिया गया होता, तो ऐसी अप्रिय घटनाएँ घटित ही न होतीं।”

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पुलिस-प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

मंगलेश दुबे ने कहा कि अधिवक्ताओं के साथ अक्सर पुलिस और प्रशासन सौतेला और शत्रुतापूर्ण व्यवहार करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि वाराणसी समेत कई जिलों में अधिवक्ताओं की शिकायतों को नज़रअंदाज़ किया जाता है। कोर्ट का स्टे होने के बावजूद निर्माण कार्य कराए जाते हैं और गिरफ्तारी जिन मामलों में होनी चाहिए, वहां ढिलाई बरती जाती है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की संसदीय सीट होने के कारण अधिकारी ज्यादातर दौरों की तैयारी में लगे रहते हैं और जनता व अधिवक्ता समाज की समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं।

पुराने विवादों का भी किया जिक्र

दुबे ने हाल के दो मामलों का जिक्र किया जिनमें अधिवक्ताओं के साथ कथित मारपीट और उत्पीड़न हुआ। एक मामले में जमीन कब्जा कराने और अधिवक्ता को लॉकअप में बंद करने की घटना सामने आई, वहीं दूसरे में एक शालीन अधिवक्ता और उनकी पत्नी के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट से गंभीर चोटें आईं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब अधिवक्ता समाज ने विरोध किया तो पुलिस ने काउंटर करने की साजिश रची ताकि अधिवक्ता समुदाय दबाव में आ जाए।

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 “संवाद ही एकमात्र समाधान”

मंगलेश दुबे ने कहा कि यदि प्रशासन ने समय रहते कठोर कार्रवाई की होती तो हालात बिगड़ते नहीं। उन्होंने दो टूक कहा कि “समस्या का समाधान दमन से नहीं बल्कि संवाद और आपसी बातचीत से ही संभव है। अगर गलतियाँ हमारी भी हैं, तो हम उन्हें सुधारने को तैयार हैं, लेकिन प्रशासन को भी अपनी जवाबदेही स्वीकार करनी होगी।”

आंदोलन और तनाव पर नज़र

जिला कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं की हड़ताल से न्यायिक कार्य प्रभावित हुआ है। अधिवक्ताओं ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, विरोध जारी रहेगा। प्रशासन अलर्ट मोड में है और कोर्ट परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि प्रशासन संवाद की राह अपनाता है या टकराव और गहराता है।

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