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वाराणसी : घूसखोर नगर निगम के सुपरवाइजर को एंटी करप्शन टीम ने दबोचा

आठ हजार रूपये महीना वेतन पाने वाले से मांग रहा था हर माह दो हजार घूस

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न देने पर देता था नौकरी से निकालने और हाजिरी न लगाने की धमकी

वाराणसी, भदैनी मिरर। एंटी करप्शन वाराणसी इकाई की टीम ने गुरूवार को भेलूपुर चौराहे पर नगर निगम के सुपरवाइजर रामचंद्र को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपित सुपरवाइजर पर सफाई कर्मचारी से हर महीने 2000 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप था। जानकारी के अनुसार हड़ौरा थाना इलिया चंदौली निवासी महेंद्र पिछले 10 वर्षों से नगर निगम की रेवड़ी चौकी पर आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। उसने 20 सितंबर को एंटी करप्शन ऑफिस में शिकायत की थी।

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महेंद्र ने बताया कि सुपरवाइजर रामचंद्र उनसे हर महीने 2000 रुपये की मांग कर रहा था। रिश्वत न देने पर रामचंद्र ने उनकी हाजिरी न लगाने और वेतन रोकने की धमकी देता था। इतना ही नहीं जुलाई और अगस्त के 4000 रुपये एकमुश्त देने का दबाव बनाया और नौकरी से निकालने की धमकी दी। महेंद्र ने शिकायत में कहा कि उनकी मासिक तनख्वाह मात्र 8000-9000 रुपये है। इसके चलते रिश्वत देना उनके लिए असंभव था।

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शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया। 9 अक्टूबर को दोपहर 1.30 बजे भेलूपुर चौराहे के पास एक मंदिर के निकट महेंद्र ने रामचंद्र को 4000 रुपये की रिश्वत दी। तभी एंटी करप्शन टीम ने त्वरित रामचंद्र को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और रिश्वत के नोट बरामद किए। इसके बाद एंटी करप्शन विभाग की टीम आरोपित को लेकर लंका थाने पहुंची। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। गिरफ्तारी के बाद जब लोगों ने सुना कि आठ हजार वेतन पानेवाले से भी वह दो हजार रूपये घूस मांग रहा था तो समझा जा सकता है कि निगम में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है। 

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