वाराणसी: देवदूत बने एनडीआरएफ के जवान, दो घाटों पर बचाया 2 महिलाओं की जान




वाराणसी,भदैनी मिरर। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के उलट प्रवाह का असर काशी में भी है. भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन को पहुँच रहे है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ वाराणसी के जवान तैनात है. माघी पूर्णिमा पर श्रद्धलुओं की सुरक्षा में तैनात जवानों ने दो महिलओं के प्राण बचाये. मणिकर्णिका और चौसठी घाट पर स्नान कर रही दो महिलाओं को एनडीएआरएफ के जवानों ने डूबने से बचा लिया.

जानकारी के अनुसार मणिकर्णिका घाट पर बरेली की एक 25 वर्षीय महिला श्रद्धालु शानू पाल और चौंसठी घाट पर राजस्थान से आई हुई 40 वर्षीय पूनम के अमूल्य जीवन को एनडीआरएफ के जवानों ने बचा लिया. यह दोनों महिलाएं स्नान करते समय गंगा के तेज बहाव में बहने लगी तथा डूबने लगी. दोनों श्रद्धालुओं के संकटग्रस्त जीवन को बचाने के लिए एनडीआरएफ बचाव कार्मिकों ने बिना समय गंवाए नदी की तेज बहाव में छलांग लगाई और अदभुत साहस और जज्बे का परिचय देते हुए इन श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकला. दोनों महिला श्रद्धालुओं ने एनडीआरएफ के जवानों को धन्यवाद दिया.

जीवन रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
एनडीआरएफ के डीआईजी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर काशी में गंगा घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ लगीं हुई है तथा लाखों श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगा रहे हैं.काशी के गंगा घाटों पर इन सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा एनडीआरएफ कर रही है। एनडीआरएफ के बचाव कार्मिक किसी भी आपात स्थिति में बिना समय गवांए त्वरित और दक्षता पूर्ण बचाव कार्य कर मानव जीवन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।


