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Varanasi : तहसील परिसर में आत्मदाह करने वाले बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत, जमीन विवाद में केस हारने से थे निराश

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वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी तहसील परिसर में आत्मदाह का प्रयास करने वाले बुजुर्ग किसान वशिष्ठ नारायण गौड़ की शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई।  उनका इलाज बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में चल रहा था। प्रशासन ने मृतक के तीनों बेटों को सूचना दी और शव पोस्टमॉर्टम हाउस शिवपुर भेजा गया।

जानें पूरा मामला

वशिष्ठ नारायण गौड़ मिर्जामुराद के जोगापुर गांव के निवासी थे। उनके तीन बेटे हैं और सभी नौकरी करते हैं। उन्होंने अपने गांव की दो बीघा जमीन पर कब्जा जमा रखा था, जिसे लेकर उनका विवाद तहसील राजातालाब से शुरू हुआ। लेखपाल के अनुसार यह जमीन सरकारी दस्तावेजों में सार्वजनिक संपत्ति थी, जबकि वशिष्ठ इसे अपना बताकर इस्तेमाल कर रहे थे। कोर्ट ने कई महीनों की सुनवाई के बाद 17 मई 2025 को वशिष्ठ को जमीन से बेदखली का आदेश दिया। इसके बाद डीएम कोर्ट में अपील भी खारिज कर दी गई।

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आत्मदाह करने का कारण

शुक्रवार दोपहर वशिष्ठ नारायण कमंडल में पेट्रोल लेकर तहसील परिसर पहुंचे और मंदिर में खुद को आग लगा दी। पुलिस और वकील ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से झुलस चुके थे। वशिष्ठ ने कहा, “मुझे न्याय नहीं मिला, तो क्या करूँ? अधिकारी जांच नहीं करते और पैसा चाहते हैं। हमें बहुत तकलीफ दी गई।”

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प्रशासन की प्रतिक्रिया

ग्रामीण प्रधान चंद्रभूषण ने बताया कि यह कब्जे का विवाद था और प्रशासन ने पानी की टंकी बनाने के लिए जमीन खाली करने का आदेश जारी किया था। ADM वंदिता श्रीवास्तव ने कहा, “तहसील परिसर में आत्मदाह का प्रयास हुआ। वशिष्ठ ने ग्राम सभा की भूमि पर अवैध कब्जा किया था। उनकी अपील खारिज होने के बाद यह कदम उठाया।”

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निष्कर्ष

वशिष्ठ नारायण की मौत ने ग्रामीणों और प्रशासन दोनों को झकझोर दिया है। यह घटना न्याय प्रणाली की धीमी प्रक्रिया और किसानों की परेशानियों को उजागर करती है।

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