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Varanasi: दरोगा पिटाई मामले में 11 सदस्यीय कमेटी करेगी जांच, ट्रामा सेंटर से डिस्चार्ज हुए दरोगा

विवेचना पूरी होने तक गिरफ्तारी न करने पर जोर, अधिकारियों संग होगी बैठक

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Advocate Aandolan
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वाराणसी, भदैनी मिरर। कचहरी में दरोगा मिथिलेश प्रजापति की पिटाई प्रकरण को लेकर अधिवक्ताओं का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। कैंट थाने में 10 नामजद और 60 अज्ञात अधिवक्ताओं पर केस दर्ज होने के बाद बुधवार को अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर में जुलूस निकालकर जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान वकीलों ने मुकदमा रद्द करने और किसी भी अधिवक्ता पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न करने की मांग उठाई।
पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच बने गतिरोध को खत्म करने के लिए सेंट्रल बार एसोसिएशन के सभागार में बैठक हुई। इसमें सेंट्रल बार और बनारस बार के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों को मिलाकर कुल 11 सदस्यीय कमेटी गठित की गई। यह समिति गुरुवार को जिला जज जयप्रकाश तिवारी, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के साथ बैठक करेगी।
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बैठक में तय हुआ कि जब तक मुकदमे की विवेचना पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी अधिवक्ता की गिरफ्तारी न की जाए। साथ ही, जांच समिति की निगरानी में साक्ष्यों का परीक्षण किया जाए और विवेचना को निष्पक्ष तरीके से पूरा किया जाए। कमेटी में मंगलेश दुबे, राजेश गुप्ता, सतीश तिवारी, शशांक श्रीवास्तव, रामजन्म सिंह, सुरेश श्रीवास्तव, मोहन यादव, विवेक शंकर तिवारी, अवधेश सिंह, राजेश मिश्रा और नित्यानंद राग शामिल किए गए हैं।
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उधर, अधिवक्ताओं की पिटाई से घायल दरोगा मिथिलेश प्रजापति को बुधवार शाम बीएचयू ट्रॉमा सेंटर से डिस्चार्ज कर दिया गया। चिकित्सकों ने उन्हें बेडरेस्ट की सलाह दी है क्योंकि सिर और पेट में गंभीर चोटें आई हैं।
स्थिति को देखते हुए कचहरी परिसर और उसके बाहर एहतियातन आरआरएफ समेत भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। प्रशासन ने बार पदाधिकारियों से संवाद कर हालात को सामान्य बनाए रखने का प्रयास किया।
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