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वाराणसी सतर्कता : जिले के सभी कॉल सेंटर थानों को देंगे अपनी पूरी जानकारी, फर्जी सिम बेचनेवाले जाएंगे जेल

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने ली अधीनस्थों की मीटिंग दिये निर्देश

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varanasi police meting
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दिल्ली धमाके की घटना के बाद वाराणसी में बढ़ी सतर्कता

साइबर फ्राडों के निशाने पर आए सभी बैंक खातों का डाटा तैयार करने का निर्देश

वाराणसी, भदैनी मिरर। धमाके से दहली देश की राजधानी दिल्ली के बाद कई प्रदेशों में आतंकियों के कनेक्शन और सक्रियता के इनपुट के बाद देशभर में सतर्कता बरती जा रही है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में घटना के बाद ही सतर्कता बरती जा रही है। इसी कड़ी में पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने अधीनस्थों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण निर्देश दिये हैं। 

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इन निर्देशों के तहत जिले के सभी कॉल सेन्टर्स को अपने क्षेत्र के थानों को अनिवार्य रूप से यह जानकारी देनी पड़ेगी। इनमें कॉल सेन्टर का लोकेशन, सेन्टर संचालक का नाम, पता एवं मोबाईल नम्बर, सेंटर में कार्यरत कर्मचारियों के नाम व मोबाइल और टेलीफोन नम्बर, कॉल सेन्टर का उद्देश्य, सेन्टर में प्रयोग में लाये जाने वाले टेलीफोन नम्बर की सूची देनी होगी। इसके साथ ही सम्बन्धित थाने द्वारा समय-समय पर कॉल सेन्टर में प्रयुक्त नम्बरों की जांच साइबर क्राइम पोर्टल से करेंगे। यदि इन नम्बरों के विरूद्ध फ्राड की कोई शिकायत दर्ज है तो तत्काल जांच कर कार्यवाही की जायेगी।

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पुलिस कमिश्नर ने कहाकि एनसीआरपी पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों में फ्राड करने के लिए जिन मोबाईल नम्बरों का प्रयोग हुआ है, उन नम्बरों व फोन के आईएमईआई नम्बर को सम्बन्धित थाने द्वारा ब्लाक कराया जायेगा। ऐसे सिम विक्रेता जिनके बिके सिम से फ्राड हुआ है और जांच में पाया जाता है कि सिम विक्रेता द्वारा फर्जी नाम से बेचा गया था तो सिम विक्रेता भी जेल जायेंगे। कहाकि ऐसे बैंक खाते पर विशेष नजर रखी जाय, जिनका उपयोग साइबर अपराधी धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को प्राप्त करने, ट्रांसफर करने या निकालने में करते हैं। इसके लिए सभी थानों की साइबर टीम ऐसे बैंक खातों की पहचान कर डाटा बेस तैयार करें, जिनका प्रयोग साइबर ठगी में हुआ है। ऐसे खातों को फ्रीज कराने के लिए संबंधित बैंक शाखाओं से समन्वय स्थापित किया जाय। खाता धारकों का केवाईसी, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आईपी लॉग्स, ट्रांजेक्शन डिटेल तत्काल प्राप्त किए जांय। ऐसे खातों से जुड़े अन्य लिंक्ड अकाउंट्स, यूपीआई आईडीएस व डिजिटल वॉलेट्स की भी जांच की जाय। दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध विधिक कार्रवाई की करें। उन्होंने कहाकि सभी थाना स्तर की साइबर टीमें ठगी में प्रयुक्त बैंक खातों की पहचान कर उनका डेटाबेस तैयार करें। 
 

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