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UP : फ्लैट में लंबे समय से चल रहा था देहव्यापार, छापेमारी कर पुलिस ने पकड़ा 

तेजी से पावं पसार रहा है सेक्स रैकेट का धंधा 
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Sex racket
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प्रयागराज से लेकर वाराणसी तक फैला है यह जाल

यूपी,भदैनी मिरर।  नैनी पुलिस में एडीए कॉलोनी के पास स्थित मानस बिहार अपार्टमेंट के फ्लैट में चल रहे देहव्यापार का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने एनजीओ के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई की है. पुलिस ने सोमवार रात छापेमारी कर संचालिका सहित पांच युवतियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से दो नाबालिग बताई जा रही है. पुलिस ने फ्लैट से आपत्तिजनक वस्तु, नशीली दवा सहित कई अन्य सामान बरामद किया है. सभी के खिलाफ देह व्यापार अधिनियम के तहत केस रजिस्टर्ड कर लिया है. 

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पुलिस के अनुसार, कैंट थाना क्षेत्र के म्योराबाद निवासी निमिंग जान एनजीओ फ्रीडम फर्म के सदस्य है. उन्होंने सोमवार को जानकारी दी कि अपार्टमेंट में एक महिला सेक्स रैकेट चलाती है. एसीपी करछना वरुण कुमार ने टीम गठित करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए. सोमवार रात को ही इंस्पेक्टर नैनी ने फोर्स के साथ फ्लैट में छापेमारी की तो खलबली मच गई. पुलिस ने अपार्टमेंट के एक कमरे में छापामार संचालक समेत पांच युवतियों को गिरफ्तार किया है. पकड़ी गई युवतियों में से एक गोरखपुर, एक सीतापुर की है, अन्य प्रयागराज के ग्रामीण क्षेत्रों की रहने वाली है. पकड़ी गई दोनों नाबालिगों को संप्रेक्षण गृह भेजा गया है. पूछताछ में युवतियों ने बताया कि वह रोजाना दो से पांच हजार रूपए कमा लेती थी, जिसमें से आधा संचालिका रख लेती है.

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Dev Bhattacharya

BNS

फ्लैट से लेकर स्पॉ सेंटरों में फैला है जाल 

समय-समय पर पुलिस भले ही छापेमारी कर देह व्यापार का भंडाफोड़ करती हो, लेकिन सेक्स रैकेट का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है. प्रयागराज से लेकर वाराणसी तक यह गिरोह काम कर रहा है. बीते बर्ष प्रयागराज के एक बिल्डिंग में छापेमारी के दौरान स्पॉ के आड़ में सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ था, जिसमें विदेशी युवती भी गिरफ्तार की गई थी. स्पॉ सेंटर के संचालक का नाम वाराणसी से जुड़ा था. प्रयागराज पुलिस की टीमें वाराणसी आकर दबिश भी दी थी. छापेमारी के बाबजूद स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से यह संचालक अपने स्पॉ सेंटरों में देह व्यापार करवा रहे है. वाराणसी के कई थाना क्षेत्रों में यह धंधा तेजी से फैल रहा है. बाबजूद इसके एलआईयू को भनक तक नहीं है. वाराणसी के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने इस धंधे को पूरी तरह से बंद करवा दिया था. उनके स्थानांतरण के बाद इन गिरोह वालों को ऐसा पंख लगा कि वह फिर तेजी से पावं फैला रहे है. 

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