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आंदोलनकारियों को दबाव में लेने के लिए बैक डेट में किया जा रहा बिजलीकर्मियों का स्थानांतरण 

बिजलीकर्मियों का 19जून से शुरू होगा प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह 

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कहा-  निजीकरण से बेतहाशा बिजली दरों में होगी बढ़ोतरी, कर्मचारियों की भारी कमी बनी बिजली फाल्ट का कारण

वाराणसी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार 17 जून को विद्युत उपकेंद्र चौकाघाट पर दोपहर-3बजे से बिजलीकर्मियों की जनजागरण सभा हुई। इसमें नियमित एवं संविदा  बिजलिकर्मी शामिल हुए। इस दौरान संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने बिजली के निजीकरण से होने वाले व्यापक नुकसान के बारे में विस्तार से बताया। अब कल 18 जून के दोपहर-3बजे से लेढ़ूपुर विद्युत उपकेंद्र पर जनजागरण सभा होगी।

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सभा में संघर्ष समिति ने कहाकि राज्य सरकार की स्थानांतरण पॉलिसी के विपरीत बैक डेट में प्रबन्ध निदेशक कार्यालय से स्थानांतरण आदेश जारी किया गया। यह निजी घरानों के इशारे पर आंदोलनकारी कर्मचारियों को दबाव में लेने की पावर कार्पोरेशन की पालिसी है। कर्मचारियों का स्थानांतरण पॉलिसी के संगत विन्दुओं को भी दरकिनार करते हुए बिना वरिष्ठता का ध्यान रखकर किया गया। दूसरी ओर संगठन पदाधिकारियों का भी नियम विरुद्ध उत्पीड़न के उद्देश्य से प्रशासनिक आधार पर किये गये स्थानांतरण से बिजलिकर्मियो में आक्रोश व्याप्त है। इसलिए संघर्ष समिति को 2 महीने पहले पांच सूत्रीय मांग पत्र पर कोई कार्यवाही न करने, अल्पवेतनभोगी संविदाकर्मियों का फेसिअल अटेंडेंस को आधार बनाकर वेतन कटौती करना गलत है। जबकि उन कर्मचारियों को न तो मोबाइल दिया गया है न ही डेटा की व्यवस्था की गई है। कहाकि नियम विरुद्ध स्थानांतरण को निरस्त करने के लिए 19 जून से सत्याग्रह आंदोलन करने की नोटिस दी गई है।

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गजेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि का प्रस्ताव देकर संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि कर दी है कि निजीकरण के बाद बिजली दरों में दोगुनी-तीनगुनी वृद्धि होगी। जेपीएन सिंह ने कहा कि घाटे के भ्रामक आकड़े देकर पॉवर कारपोरेशेन ने निजीकरण के बाद निजी घरानों की मदद के लिए बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। कहा कि 44 हजार करोड़ रूपये आरडीएसएस योजना में खर्च करने के बाद पूर्वांचल विद्युत एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ कर कौड़ियों के मोल बेचने की साजिश है। निजी घरानों को मुनाफा दिलाने के लिए ही बिजली दरों में 45 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। 

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सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिये गये  बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव से किसान, गरीब उपभोक्ता और आम उपभोक्ता सकते में आ गये हैं और अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने किसानों और आम उपभोक्ताओं से इस बाबत व्यापक जनसम्पर्क अभियान तेज कर दिया है। उन्होंने अपील की कि आगामी 22 जून को लखनऊ में होने वाली बिजली महापंचायत किसान, मजदूर और आम उपभोक्ता बड़ी संख्या में आएं। संघर्ष समिति ने बताया कि बिजली महापंचायत अपने आप में देश में एक अनूठा कार्यक्रम है। इसमें बिजली के सबसे बड़े हितधारक किसान, मजदूर और आम उपभोक्ता एक साथ आकर व्यापक जन आन्दोलन का फैसला लेंगे। सभा को तहशीलदार यादव, राजेन्द्र जोशी,पंकज यादव, जैस कुमार सोलंकी, राजू मौर्य, अशोक कुमार, रोहित कुमार, चतुरी, श्यामलाल आदि ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता यमुना यादव ने और संचालन सौरभ श्रीवास्तव ने किया।
 

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