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टोरेंट पावर कंपनी नहीं लागू कर रही है बिजली बिल राहत योजना, करार रद करने की मांग

बनारस में निजीकरण के खिलाफ 373वें दिन आंदोलन जारी, संविदाकर्मियों की छंटनी से कर्मचारियों में गुस्सा

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कम्पनी ने 16 साल से दबा रखा है कारपोरेशन का 2200 करोड रुपए का राजस्व बकाया 

पावर कारपोरेशन अध्यक्ष ने नही मानी मांग तो होगा बड़ा आंदोलन

वाराणसी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण ेके विरोध में चल रहे आंदोलन के 373 वें दिन शुक्रवार को बनारस के बिजलीकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। 

वक्ताओं ने बताया कि बनारस सहित पूर्वांचल के 8 मंडल में लगभग 500 से 700 संविदाकर्मियों की कॉरपोरेशन मानक के विपरीत जाकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा टेंडर कर छटनी की जा रही है। जबकि हाल ही में श्रम मंत्री अनिल राजभर का बयान आया था कि जहां पर भी 300 या उससे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं वहां के किसी भी कर्मचारी को निकलने से पहले मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेना होगा। लेकिन बनारस के मंडल द्वितीय में लगभग डेढ़ सौ कर्मचारी गलत टेंडर के कारण निकले जा रहे हैं। संघर्ष समिति ने इसका पुरजोर विरोध किया है। बहुत ही जल्द बनारस सहित पूर्वांचल के आठ मंडल के कर्मचारियों की छंटनी को लेकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम या संबंधित कार्यालय पर आंदोलन किया जायेगा। वक्ताओं ने बताया कि 7 दिसंबर को लखनऊ में संघर्ष समिति की प्रदेश कमेटी की बैठक है, जिसमें संविदाकर्मियों कर छटनी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा। संविदाकर्मियों की छटनी और कर्मचारियों की अन्य समस्याओं को लेकर अध्यक्ष पावर कारपोरेशन को मांग पत्र प्रेषित किया जायेगा। यदि उनकी समस्याओं का समाधान नही किया जाता तो आंदोलन की नोटिस दिया जाएगा।

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संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा लागू की गई बिजली बिल राहत योजना 2025 को आगरा में टोरेंट पावर कंपनी लागू नहीं कर रही है। समिति ने कहाकि टोरंट कंपनी ने पिछले 16 साल से लगातार फ्रेंचाइजी करार का उल्लंघन किया है और अब टोरेंट पावर कंपनी, उत्तर प्रदेश सरकार के बिजली बिल राहत योजना आदेश को भी नहीं लागू कर रही है। ऐसे में टोरेंट कंपनी का फ्रेंचाइजी करार तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। यह बहुत ही गंभीर मामला है। टोरेंट कंपनी ने पावर कारपोरेशन का 2200 करोड रुपए का राजस्व का बकाया पिछले 16 साल से दबा रखा है। केन्द्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली बिल राहत योजना 2025 की घोषणा के बाद टोरेंट पावर कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट संजय कुमार ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से इस संबंध में पत्र लिखकर कहा था कि कंपनी उपभोक्ताओं से बकाया राशि की वसूली के लिए व्यापक प्रयास करना जारी रखे हुए है। बिना किसी स्पष्ट प्रतिपूर्ति तंत्र के ऐसी छूट हमारे लिए वित्तीय रूप से संभव नहीं होगी। टोरेंट पावर ने पत्र में आगे लिखा कि उपरोक्त के मद्देनजर कृपया स्पष्ट करें कि क्या टोरेंट पावर को माफ की गई राशियों के लिए प्रतिपूर्ति प्राप्त होगी। यदि प्रतिपूर्ति अनुमेय है तो कृपया उसको दावा करने की विस्तृत प्रक्रिया की जानकारी प्रदान करें। चूंकि यह योजना 1 दिसंबर से प्रभावी हो रही है, इसलिए शीघ्र उत्तर देने की कृपा करें।

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संघर्ष समिति ने कहा कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से टोरेंट पावर कंपनी को इसका स्पष्ट उत्तर दे दिया गया था कि मूल धन में माफ की जा रही। धनराशि की प्रतिपूर्ति दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को नहीं मिल रही है। अतः दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम भी इसकी प्रतिपूर्ति टोरेंट पावर को नहीं कर सकता है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के स्पष्टीकरण के बावजूद आज योजना लागू होने के 5 दिन बाद भी टोरेंट पावर कंपनी अपने उपभोक्ताओं के लिए मूलधन पर छूट की बिजली बिल राहत योजना लागू नहीं कर रही है। कहा कि आगरा में बिजली बिल राहत योजना में जिन चन्द उपभोक्ताओं का रजिस्ट्रेशन किया गया है वह 1 अप्रैल 2010 के पूर्व के बकायेदार हैं। वह दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बकायेदार है, टोरेंट पावर कंपनी का नहीं। इनकी भी संख्या नगण्य  है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली बिल राहत योजना 2025 को लागू करने में टोरेंट पावर कंपनी का यह रवैया उपभोक्ताओं के लिए बहुत ही घातक है। इससे उपभोक्ताओं के प्रति निजी कंपनियों का रवैया स्पष्ट दिखाई देता है। सभा को ई. एसके सिंह, ओपी सिंह, राजेन्द्र सिंह, हेमन्त श्रीवास्तव, जिउतलाल, जमुना पाल, राजेश सिंह, अरविंद कौशनन्दन, प्रवीण सिंह, अरुण कुमार, नन्हे लाल आदि ने संबोधित किया।
 

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