ध्वनि प्रदूषण करने वालों को खैर नहीं, होगी सख्त कार्रवाई, देना होगा जुर्माना




वाराणसी: ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते मामलों पर सख्ती दिखाते हुए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल (IPS) ने साफ शब्दों में कहा कि अब कानून तोड़ने वालों की खैर नहीं। यदि किसी के खिलाफ दोबारा ध्वनि प्रदूषण की शिकायत मिलती है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
राष्ट्रीय संस्था 'सत्या फाउंडेशन' के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार देर शाम पुलिस आयुक्त कार्यालय में मुलाकात कर ध्वनि प्रदूषण पर ज्ञापन सौंपा। पुलिस आयुक्त ने ज्ञापन को गंभीरता से पढ़ने के बाद आश्वासन दिया कि पुलिस अब इस मामले में स्वतः संज्ञान लेगी और सख्त कार्रवाई करेगी।


शादी-बैंड, डीजे और धार्मिक लाउडस्पीकर पर भी रहेगी नजर
अब न सिर्फ धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकर, बल्कि शादियों, बैंड-बाजा और डीजे पर भी पुलिस की सख्त नजर रहेगी। यदि कोई डेसीबल लिमिट या रात 10 बजे के बाद ध्वनि सीमा का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत ₹1,00,000 तक का जुर्माना या 5 साल तक की जेल या दोनों सजा दी जा सकती हैं।

जनता कर सकती है गुप्त शिकायत
आम जनता डायल 112 पर गुप्त शिकायत दर्ज करा सकती है। शिकायतकर्ता को सिर्फ यह कहना होगा कि "मेरा नाम और नंबर गुप्त रखा जाए।" पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेगी।

पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि रात 10 बजे के बाद ध्वनि स्रोत (लाउडस्पीकर, डीजे आदि) स्विच ऑफ कराए जाएंगे। जो नहीं मानेंगे या बार-बार नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।

इस अवसर पर 'सत्या फाउंडेशन' के प्रतिनिधिमंडल में हरविंदर सिंह आनंद, जसबीर सिंह बग्गा, एस.के. अग्रवाल और संस्था के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय शामिल थे। संस्था ने पुलिस की इस पहल की सराहना करते हुए इसे ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया।

