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मृत संविदा लाइनमैन के परिजन को मुआवजा देने से मुकरे अफसर तो  हुआ हंगामा 

रविवार को लाइनमैन मनोज प्रजापति की खम्भे से गिरकर हुई थी मौत

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मंडुवाडीह डीपीएच पर मृत मनोज के शव को रखकर परिजनों ने किया हंगामा

वाराणसी, भदैनी मिरर। मड़ौली स्थित सेंट जॉन्स कॉलोनी में रविवार को जंफर जोड़ने के दौरान संविदा लाइनमैन मनोज प्रजापति (40) करंट लगने के बाद खम्भे से गिरकर मौत मामले को लेकर दूसरे दिन सोमवार को भी जमकर हंगामा हुआ। कर्मचारी और मृत संविदाकर्मी मनोज के परिजन, परिचित शव के पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर सीधे बनारस रेलवे स्टेशन के सामने डीपीएच मंडुवाडीह पहुंच गये और करीब तीन घंटे तक हंगामा किया। परिजन अधिकारियों पर आर्थिक मदद देने का आश्वासन देने के बाद मुकरने का आरोप लगा रहे थे। बाद में आर्थिक मदद का आश्वासन और मृतक की पत्नी के खाते में दस लाख रूपये भेजे जाने के बाद फिलहाल मामला शांत हुआ। 

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आपको बता दें कि मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के हरपुर भैरोनाथ गांव निवासी मनोज प्रजापति की तैनाती मंडुवाडीह डीपीएच पर संविदा लाइनमैन के रूप में थी। रविवार की दोपहर वह मड़ौली में जंफर में हुए फॉल्ट ठीक करने गया। मनोज ने शटडाउन लिया और पोल पर चढ़ गया। इसी दौरान करंट आ गया। करंट को जोरदार झटका लगते ही मनोज खम्भे से नीचे आ गिरा। मनोज का सिर फट गया था और खून बह रहा था। अस्पताल लेकर जाते समय ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद शाम करीब 5.30 बजे से 8 बजे तक कर्मचारियों ने मनोज की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ डीपीएच पर जमकर हंगामा किया। बाद में विभाग के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि परिजनों को मुआवजा दिलवाया जाएगा। साथ ही डीएम सत्येंद्र कुमार ने भी परिवार को पट्टे की भूमि उपलब्ध करवाने की दिशा में प्रयास करने का आश्वासन दिया। बाकी सभी सुविधाएं नियमानुसार मुहैया करवाने का भी भरोसा दिलाया गया।

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हालांकि परिजन और कर्मचारी विभागीय लापरवाही से मनोज की मौत का आरोप लगा रहे थे। इसी दौरान रविवार को अधिशासी अभियंता कुलदीप का कहना था कि घटना की जानकारी के बाद प्राथमिक स्तर पर पता चला कि लाइनमैन ने रविवार की दोपहर 2.55 बजे फॉल्ट दूर करने के लिए शटडाउन लिया। 10 मिनट बाद 3.05 बजे शटडाउन वापस करवा दिया। इसके बाद फिर उसी फीडर पर कुछ फॉल्ट देखा तो दोबारा बनाने के लिए चढ़ गया और कोई शटडाउन नहीं लिया गया था। इस वजह से काम करने के दौरान करंट उतर आया।

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इधर, सोमवार को संविदाकर्मी मनोज प्रजापति के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन सीधे शव लेकर मंडुवाडीह पावर हाउस पहुंचे और फिर हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि पहले अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया और बाद में मुकरने लगे। इसके कारण स्थिति असहज हो गई। बाद में फिर अधिकारियों की ओर से परिवार को मदद का आश्वासन दिया गया। बाद में विभाग की ओर से बताया गया कि मृत संविदाकर्मी की पत्नी को 10 लाख रुपये उनके एकाउंट में भेज दिया गया है। 

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