महाशिवरात्रि के अगले दिन शिव बारात निकालने के निर्णय पर UP कांग्रेस अध्यक्ष बोले - फिर एक परंपरा से खिलवाड़




वाराणसी, भदैनी मिरर। महाकुंभ-2025 के उलट प्रवाह के चलते काशी में उमड़ी भीड़ की वजह से दारानगर से उठने वाली शिव बारात समिति द्वारा महादेव के शादी के अगले दिन बारात के निकलने को लेकर आम जनता से लेकर विपक्ष अब निशाना साध रहा है. सोशल मीडिया पर जनता इसे अपमान बता रही है तो कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय ने इसे महादेव का अपमान बताया है.

अजय राय ने वीडियो जारी कर कहा है कि काशी की एक परंपरा से फिर खिलवाड़ किया जा रहा है. माता पार्वती और शिव के विवाह के दिन महाशिवरात्रि पर जो 43 वर्षों से बारात निकलने की परंपरा थी उसे विवाह के अगले दिन निकलवाया जा रहा है. यह बारात महामृत्युंजय मंदिर से निकलकर चितरंजन पार्क तक जाती थी, जिसमें काशी के सभी शिवभक्त सम्मिलित होते है, उसे अगले दिन निकलवाया जा रहा है. बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री हैं मोदी जी है, जो देश के सबसे बड़े सनातनी और धर्म के रक्षक बनते हैं उनके रहते हुए इस परंपरा को तोड़ा जा रहा है. अजय राय ने कहा कि यह सनातन परंपरा का घोर अपमान है. महादेव का अपमान है. यह बारात शिवरात्रि के दिन ही निकलनी चाहिए, भले ही छोटे स्वरुप में, सांकेतिक रुप से यह परंपरागत तरीके से महाशिवरात्रि के दिन ही निकलनी चाहिए.

महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने भी वीडियो जारी कर कहा निशाना साधा. कहा कि वह अचंभित है. जिस तरह श्री काशी विश्वनाथ को लेकर प्रशासन लगातार अपने तुगलकी फरमान जारी कर बनारस के आस्था और काशी की संस्कृति और बाबा विश्वनाथ की गरिमा के साथ खिलवाड़ कर रहा है इसकी हम सभी निंदा कर रहे है. हम सभी काशीवासी बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना करते है कि इन हठधर्मी प्रशासन के लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करें ताकि काशी की अस्मिता और संस्कृति की रक्षा करने के लिए प्रेरित करें. काशी की परंपरा और पहचान कायम रहे. काशी के लोग महाशिवरात्रि पर ही बारात निकलती है और उसमें शामिल होते है. प्रशासन के लोग अपने निर्णय पर पुनः विचार करें.



