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करोडों की साइबर ठगी करने वाले गैंग का सरगना लखनऊ से गिरफ्तार

इन्वेस्टमेंट में भारी लाभ का झांसा देकर बनारस की महिला के उड़ाए थे 1 करोड 93 लाख रूपये 

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इन्वेस्टमेंट फ्राड व डिजिटल अरेस्ट करनेवाले गिरोह से भी जुडा है रोमिल 

वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस के सिगरा क्षेत्र के स्वास्तिक पैराडाइज बिल्डिंग की रहनेवाली अंशिता जैन को इन्वेस्टमेंट में भारी लाभ दिलाने के नाम पर 1 करोड 93 लाख रूपये की साइबर ठगी करने वाले शातिर साइबर ठग को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। साइबर थाने की पुलिस टीम ने उसे रोमिल वर्मा नामक इस जालसाज को गुडम्बा क्षेत्र से पकड़ा है। पुलिस ने इसके पास से भारी मात्रा में मोबाइल, एटीएम, पासबुक व नकदी, चार पहिया वाहन बरामद हुआ है। यह 30 वर्षीय जालसाज रोमिल वर्मा यूपी के सीतापुर जिले के महुली थाना क्षेत्र के हाजीपुर गांव का निवासी है। रोमिल साइबर अपराधियों के गिरोह का सरगना है।

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पुलिस उपायुक्त अपराध सरवणन टी ने बताया कि स्वास्तिक पैराडाइज बिल्डिंग के क्षितिज जैन की पत्नी अंशिता जैन ने 24 अप्रैल को साइबर क्राइम थाना में प्रार्थनापत्र दिया। बताया कि उनके साथ इन्वेस्टमेंट में भारी लाभ दिलाने के नाम पर करीब 1 करोड 93 लाख रूपये की साइबर ठगी कर ली गयी है। इसके बाद पुलिस ने धारा 318(2), 318(4), 61(2), 317(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया। विवेचना थाना प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्रा को सौंपी गई। 

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इसके बाद अपर पुलिस उपायुक्त श्रुति श्रीवास्तव, सहायक पुलिस आयुक्त विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व मे एक टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने लखनऊ के अलग- अलग स्थानों पर दबिश देकर शातिर साइबर अपराधी रोमिल का पता लगाया। फिर मुखबिर की सूचना पर उसे लखनऊ के थाना गुडम्बा क्षेत्र से गिरफ्तार कर ले आई। उसके कब्जे से घटना मे प्रयुक्त मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के एटीम कार्ड, पासबुक, 5,01,350 रूपये, चार पहिया वाहन बरामद हुआ। 

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इन्वेस्टमेंट फ्राड व डिजिटल अरेस्ट करनेवाले गिरोह से भी है रोमिल का सम्बंध

पूछताछ में जालसाज ने बताया कि वह लोगों का बैंक खाता गेमिंग एप्लीकेशन मे चलाने, उसमे क्रेडिट पैसों का अच्छा परसेन्टेज देने का हवाला कर अपने झांसे में फंसा लेता था। इसके बाद विभिन्न बैंको के फर्जी/म्यूल बैंक खाते प्राप्त करता था। फिर इन बैंक खातों को अपने विदेशी साथी साइबर अपराधियों जोकि इन्वेस्टमेंट फ्राड व डिजिटल अरेस्ट से सम्बन्धित कार्य करते है, को भेजकर उसमें फ्राड की धनराशि मंगवाता था। इसके बाद प्राप्त पैसों को विभिन्न बैंक खातों में ट्रान्सफर कर कैश निकाल लेता था। इसका संगठित गिरोह है। 

साइबर जालसाज को गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम

इसे गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र के अलावा निरीक्षक राजकिशोर पाण्डेय, विपिन कुमार, एसआई संजीव कनौजिया, सतीश सिंह, एसएसआई श्याम लाल गुप्ता, हेड कांस्टेबल गोपाल चैहान, रजनीकान्त, गौतम कुमार, राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, कांस्टेबल चन्द्रशेखर यादव, पृथ्वी राज सिंह, सूर्यभान सिंह, अनिल मौर्य, मनीष कुमार सिंह, जितेन्द्र मौर्य, अंकित कुमार प्रजापति, अवनीश सिंह, धर्मेन्द्र कुमार यादव, जतिन कुमार, त्रिलोकी कुमार, विश्वजीत राय, रविन्द्र यादव, महिला कांस्टेबल प्रीति सिंह, अंकिता सिंह, संगीता देवी, विजय कुमार रहे। 

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