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पूर्व जेल अधीक्षक की कम नहीं हो रही मुश्किलें! अब फर्जी आदेश के आधार पर बंदी के रिहा होने का आरोप 

आजाद अधिकार सेना ने आरोप लगाते हुए सीएम योगी को लिखा पत्र  
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वाराणसी,भदैनी मिरर। उत्पीड़न के आरोपों से घिरे पूर्व जेल अधीक्षक डॉ. उमेश सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अब फर्जी जमानत आदेश पर कुख्यात कैदी को जेल से रिहा करने का आरोप लगा है. आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अफसर ने वाराणसी जेल के अधिकारियों पर अलीगढ़ निवासी एक कैदी सुनील पुत्र राजवीर सिंह को फर्जी रिहाई आदेश के आधार पर जेल से रिहा करने का गंभीर आरोप लगाया है.

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अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्यमंत्री को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि उनके पास उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार सुनील के खिलाफ अलीगढ़, मेरठ, बरेली और वाराणसी सहित तमाम जिलों के आईटी एक्ट के अपराध हैं, जिनके क्रम में वह कुछ दिन पूर्व तक वाराणसी जेल में बंद था. अन्य मामलों में सुनील को जमानत मिल गई है किंतु अलीगढ़ के आईटी एक्ट के मुकदमा अपराध संख्या 16/2023  थाना साइबर क्राइम में उसे जमानत नहीं मिली है.

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अभिलेखों के अनुसार इसके बाद भी एसीजेएम 4, अलीगढ़ का एक फर्जी रिहाई आदेश वाराणसी जेल में 4 मार्च 2025 को प्राप्त दिखाया गया और इसके आधार पर सुनील को एक-दो दिन बाद उस फर्जी रिहाई आदेश के आधार पर जेल से छोड़ दिया गया. बताया जाता है, जबकि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका संख्या 26163/2024 अभी लंबित है, जिसमें हियरिंग 25 मार्च 2025 को लगी है.

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BNS

अमिताभ ठाकुर ने इसे अत्यंत गंभीर मामला बताया है और कहा है कि यह पूरा प्रकरण पूर्व जेल अधीक्षक उमेश कुमार सिंह द्वारा भारी धनराशि लेकर किया गया बताया जाता है. उन्होंने मुख्यमंत्री से इस गंभीर मामले की तत्काल जांच करा कर सही पाए जाने पर दोषी जेलकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित अन्य समस्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है.


डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. मामले की जाँच करवाई जाएगी और सामने आये तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.  

Navneeta

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