
BJP की गहरी साजिश का हिस्सा है यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के निजी सचिवों की गिरफ्तारी
कांग्रेस और भुक्तभोगियों के परिजनों ने बताई साजिश की सिलसिलेवार कहानी




पुलिस ने गंभीर धाराओं में किया था गिरफ्तार, मीडिया के सामने अपराधी की तरह पेश किया
तीन बार पहले भी कराया जा चुका है मुकदमा, चौथी बार महिला को बनाया गया मोहरा
वाराणसी, भदैनी मिरर। UP कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के निजी पीए अमित पाठक और आनंद पांडेय की पिछले दिनों गिरफ्तारी के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। रविवार को कांग्रेस नेत्रियों और अमित व आनंद के परिजन मीडिया के सामने आए। प्रेस कांफ्रेंस कर इसे भाजपा और उनके लोगों की गहरी साजिश का हिस्सा बताया। कहाकि प्रदेश की भाजपा सरकार में ब्राह्णों के खिलाफ कितनी बड़ी साजिश चल रही है, यह किसी से छिपा नही है। अमित पाठक और आनंद पाठक की गिरफ्तारी इसी षड़यंत्र का एक भाग है। यह कांग्रेस और कांग्रेसियों को बदनाम करने की कोशिश के अलावा कुछ नही है। क्योंकि जिस महिला के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की गई वह इससे पहले तीन बार और मुकदमा करा चुकी है। न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया है। अब तीसरी बार भाजपा ने उस महिला को अपने षड़यंत्र का मोहरा बनाया है। हमलोगों को भरोसा है कि इस बार भी हमें न्याय मिलेगा और भाजपा की साजिश फिर बेनकाब होगी।


गौरतलब है कि पिछले दिनों वाराणसी पुलिस ने अमित पाठक और आनंद पांडेय की गिरफ्तारी की थी। हथुआ मार्केट में एक सैलून चलानेवाली महिला की तहरीर पर पुलिस ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली), 457 (रात्रि में घर में घुसना), 392 (लूट), 504 (अशिष्ट शब्दों द्वारा अपमान), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज है। इस मामले को लेकर रविवार को मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में अमित पाठक की पत्नी सुषमा पाठक, महिला कांग्रेस की जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनुराधा यादव व पूनम विश्वकर्मा, डॉक्टर नृपेन्द्र नारायण सिंह, अमित पाठक के पिता जय प्रकाश पाठक, हर्ष पाठक, विनीत चौबे, किशन यादव ने मीडिया के समक्ष इसे भाजपाई साजिश करार दिया।


बताया कि कांग्रेस को बदमनाम करने के लिए फर्जी मुकदमे का षड्यंत्र रचा गया। कहाकि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा हैं, हमें न्याय जरूर मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर सुनियोजित साजिश हो रही है। बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है। जिस महिला दुकानदार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आज अमित और आंनद की गिरफ्तारी दिखाकर उन्हें बड़ा अपराधी बताने का प्रयास हो रहा है उसी दुकान के परिपेक्ष में एक ही तरह की घटना को दिखाते हुए तीन बार एफआईआर दर्ज कराया जा चुका है। पहले चेतगंज थाने में महिला द्वारा दी गई तहरीर पर तीन अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया था। जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगाई गई, यानी मामला झूठा पाया गया। इसके बाद उसी महिला ने न्यायालय में धारा 156(3) के तहत 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की। इसे भी न्यायालय ने खारिज कर दिया। लेकिन साजिश यही नहीं रुकी।

अब एक साल बाद एक बार फिर उसी महिला की तहरीर के आधार पर कांग्रेस से जुड़े ब्राह्मण परिवारों के दो निर्दोष युवकों आनंद पांडेय और अमित पाठक को झूठे केस में फंसाया गया है। उन्होंने बताया कि यह सब सिर्फ इसलिए किया जा रहा है कि उन्होंने भाजपा की जनविरोधी नीतियों और झूठी राजनीति का विरोध किया। उन्होंने सवाल किये कि क्या लोकतंत्र में किसी सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना अपराध है। क्या ब्राह्मण परिवार होना अब सत्ता को खटकता है? न्यायालय द्वारा दो बार खारिज किए गए मामलों को बार-बार उठाना न्याय का मजाक नहीं तो और क्या है। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं और न्यायपालिका पर पूरा विश्वास रखते हैं। जल्द ही सच्चाई सामने आएगी और निर्दोषों को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहाकि यह लड़ाई सिर्फ दो लोगों की नहीं, लोकतंत्र और न्याय की रक्षा की लड़ाई है। हम पीछे नहीं हटेंगे। वाराणसी कांग्रेस परिवार अपने सम्मानित कार्यकर्ताओं के साथ है। हम जानते हैं कि यह सारा प्रकरण झूठ का पुलिंदा है।
सत्ता और प्रशासनिक दुरूपयोग का जीता जागता उदारहण है। पिछले एक दशक से भी अधिक समय से कांग्रेस जिस मजबूती के साथ जनहित के मुद्दों पर संघर्ष कर रही है, यह उसी की खीझ है। भाजपा के लोग जब जनता की अदालत में मुंह की खा रहे हैं, तो उन्होंने एक महिला का सहारा लिया। अमित पाठक और आनंद पांडेय के ऊपर जो फर्जी तरीके से मुकदमा किया गया है, वह साजिश का हिस्सा है। बहुत जल्द ही सारी सच्चाई जनता के बीच होगी। यह सर्वविदित है कि अमित पांडेय और आनंद पांडेय प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के पर्सनल स्टॉफ हैं और जाति से ब्राह्मण हैं। पूरे प्रदेश में ब्राह्मणों के खिलाफ जिस तरह से लगातार अपराधिक षड़यंत्र और शोषण हो रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है।

