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बीएचयू में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया, सैकड़ों विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने किया योगाभ्यास
 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मलवीय भवन सहित दोनों परिसरों में योग दिवस पर आयोजित हुए विशेष कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मोदी के उद्बोधन को भी विद्यार्थियों ने सुना।
 

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वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विशेष योग अभ्यास सत्रों का आयोजन कर वैश्विक योग उत्सव में भागीदारी निभाई। मलवीय भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र, शिक्षक, अधिकारी और योग प्रेमियों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया और योग को जीवनशैली में शामिल करने का संकल्प लिया।

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इस अवसर पर बीएचयू के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा, और मलवीय भवन के मानद निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल ने विश्वविद्यालय समुदाय को शुभकामनाएं देते हुए योग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बीएचयू ने योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई कोर्स, कार्यशालाएं और गतिविधियों का आयोजन कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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प्रो. अनुपम नेमा ने कहा, “योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन का भी स्रोत है। इसका नियमित अभ्यास व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा देता है।”

योग अभ्यास का संचालन डॉ. योगेश भट्ट द्वारा किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने विभिन्न शारीरिक और मानसिक लाभ देने वाले आसनों का अभ्यास किया।
इस दौरान विश्वविद्यालय समुदाय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल संबोधन को भी सुना। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि, “योग हमें ‘मैं’ से ‘हम’ की ओर ले जाता है और विश्व के साथ एकत्व की भावना का मार्ग प्रशस्त करता है।”

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योग दिवस के पूर्व आयोजनों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को इस अवसर पर सम्मानित भी किया गया। पुरस्कार वितरण में प्रो. नेमा और प्रो. शुक्ल ने विजेताओं को स्मृति चिह्न प्रदान किए।

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मूल परिसर के साथ-साथ दक्षिण परिसर में भी अनुभवी प्रशिक्षकों की देखरेख में योग सत्रों का आयोजन हुआ। इस वर्ष की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ पर आधारित इन कार्यक्रमों ने शारीरिक-मानसिक संतुलन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर बल दिया।

विशेषज्ञों ने बताया कि योग न केवल युवाओं में ऊर्जा बनाए रखता है, बल्कि वृद्धावस्था को भी स्वस्थ और गरिमापूर्ण बनाता है। योग के माध्यम से जीवन में संतुलन, स्थिरता और आंतरिक शांति संभव है।

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