
वाराणसी रोपवे पर 1302 क्विंटल लोड की टेस्टिंग, 148 गंडोलों में यूरोपीय मानकों की सुरक्षा जांच शुरू
नए साल से चलेगा एशिया का पहला अर्बन रोपवे, यात्रियों की सुरक्षा के लिए चार चरणों में होगी लोड टेस्टिंग

Updated: Oct 16, 2025, 11:08 IST

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वाराणसी। वाराणसी का बहुप्रतीक्षित अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। नए साल से शुरू होने जा रही इस सेवा के लिए सुरक्षा मानकों की गहन जांच जारी है। अधिकारियों के अनुसार, रोपवे के कुल 148 गंडोला 1302.4 क्विंटल वजन के साथ चलेंगे, और फिलहाल प्रत्येक गंडोला में औसतन 880 किलो भार के आधार पर टेस्टिंग की जा रही है।
यूरोपीय मानकों के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था
रोपवे को यूरोपीय सुरक्षा मानकों (European Safety Standards) के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं ताकि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा बनी रहे।
गंडोला के दरवाजे मेट्रो की तरह अंदर से नहीं खुलेंगे और ऑटोमेटिक लॉकिंग सिस्टम से लैस होंगे। साथ ही, बिजली बाधित होने की स्थिति में भी पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई है ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।



तेज हवा या खराब मौसम में नहीं पड़ेगा असर
रोपवे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक की हवा में भी इसका संचालन सुरक्षित रहेगा। हालांकि, हवा का दबाव अत्यधिक बढ़ने या मौसम बिगड़ने की स्थिति में इसे कुछ समय के लिए रोका जा सकता है।

भवनों की ऊंचाई पर भी नियंत्रण
रोपवे कॉरिडोर के दोनों ओर 8 मीटर के दायरे में भवनों की अधिकतम ऊंचाई 10 मीटर निर्धारित की गई है। इससे ऊंचे निर्माण पर रोक लगाई गई है ताकि सुरक्षा और संचालन में किसी तरह की बाधा न आए। इस पूरी निगरानी के लिए जोनल अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है।

एशिया का पहला अर्बन रोपवे
यह परियोजना एशिया का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे प्रोजेक्ट है, जो कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक यात्रियों को जोड़ेगा।
कुल 3.8 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर पाँच स्टेशन बनाए जा रहे हैं — कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गोदौलिया और गिरजाघर (तकनीकी स्टेशन)। इसके लिए कुल 29 टावर तैयार किए जा रहे हैं।
815.58 करोड़ रुपये की लागत से बन रही यह परियोजना 15 वर्षों के संचालन और रखरखाव को भी शामिल करती है।
चार बार होगी लोड टेस्टिंग
इंजीनियरों के अनुसार, लोड टेस्टिंग चार चरणों में की जाएगी। इस दौरान हर गंडोला को निर्धारित वजन के साथ चलाकर जांच की जाएगी। अगर किसी भी चरण में कोई कमी पाई जाती है तो उसे तुरंत दुरुस्त किया जाएगा, ताकि आम जनता के लिए सेवा शुरू करने से पहले यह पूरी तरह सुरक्षित और विश्वसनीय साबित हो।
वीडीए उपाध्यक्ष का बयान
वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने कहा कि, “रोपवे की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यही कारण है कि इसे विश्वस्तरीय सुरक्षा उपकरणों से लैस किया जा रहा है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी 148 गंडोला की लोड टेस्टिंग पूरी होने के बाद ही सेवा शुरू की जाएगी।”

