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हैदराबाद विवि के पास जंगलों की कटाई और बुल्डोजर एक्शन के खिलाफ BHU गेट पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन, तेलंगाना सरकार को दी यह चेतावनी

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वाराणसी: हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास जंगलों की कटाई के विरोध में वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों और साझा संस्कृति मंच ने गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन किया। बीएचयू गेट पर एकत्र हुए छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की और पर्यावरण संरक्षण की मांग उठाई।

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प्रदर्शनकारी छात्रों ने "वन्य जीवों का संरक्षण करो", "पेड़ काटना बंद करो", "कॉर्पोरेट परस्त राजनीति मुर्दाबाद" जैसे नारे लिखे प्लेकार्ड उठाकर विरोध जताया। सभा का आयोजन साझा संस्कृति मंच और बीएचयू छात्रों के आह्वान पर किया गया था।

तेलंगाना सरकार की कार्रवाई का विरोध

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प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार हैदराबाद विश्वविद्यालय से सटे 400 एकड़ भूमि पर बुलडोजर चलवा रही है, जिससे वहां के जंगल और वन्यजीवों को खतरा है। छात्रों ने इसे "विकास के नाम पर पर्यावरण और जैव विविधता का विनाश" करार दिया।

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एक छात्र ने कहा, "सरकारें लगातार पर्यावरण को नष्ट कर रही हैं। जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और आपदाओं से जूझ रही है, तब जंगलों की कटाई सबसे बड़ा अपराध है।"

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छात्रों पर दमनकारी कार्रवाई की निंदा

विरोध प्रदर्शन के दौरान, छात्रों ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस कार्रवाई और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों की निंदा की। छात्रों का कहना था कि राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों से भटक रहे हैं और शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

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"कॉर्पोरेट-राजनीतिक गठजोड़ से हो रहा विनाश"

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों दल कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। छात्रों ने हसदेव जंगल (छत्तीसगढ़) और लद्दाख में पर्यावरणीय क्षति का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, "बढ़ती गर्मी, मौसम में बदलाव, असमय बारिश और प्रदूषण की समस्या बनारस में भी देखी जा रही है। बीएचयू परिसर में पेड़ों की कटाई, पंचक्रोशी यात्रा मार्ग पर तालाबों पर कब्जा और गंगा-वरुणा नदी का प्रदूषण इस संकट के प्रमाण हैं।"

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पत्रकारों और छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा

सभा में शामिल छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों और प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और इसे अलोकतांत्रिक करार दिया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि पर्यावरणीय विनाश की इन नीतियों को बंद नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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इस विरोध प्रदर्शन में एकता, सानिया, नीति, अनामिका, प्रियंका, सिद्धि, कात्यानी, मोहित, मनीष, अखंड, साहिल, साम्भवी, पिंकित गौतम, ताहिर अंसारी, गुड्डू कुमार, पवन, विकास, उमेश, रवि कांत, रवि शेखर, राहुल यादव, आदित्य, फादर आनंद, धन्नजय, रौशन, मिहिर, सिस्टर फलरोरिन, आर्यन, अमन, दीपक, ओजस आर्या, टैंन, अनन्या समेत कई छात्र-छात्राएं और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।

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