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BHU में पीएचडी प्रवेश परिणाम को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन, ABVP ने किया परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का किया घेराव 

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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के परिणाम को लेकर छात्रों में आक्रोश है। छात्रों ने परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध दर्ज कराया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने किया और परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि कई विभागों में मनमाने तरीके से परिणाम घोषित किए गए हैं, जिससे योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया।

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छात्रों की मांग और ABVP का रुख

ABVP के काशी प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने कहा, "BHU में पीएचडी प्रवेश में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं। प्रशासन को छात्रों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और उचित समाधान निकालना चाहिए। विशेष रूप से सामाजिक विज्ञान संकाय के मालवीय शांति अध्ययन केंद्र और सामाजिक समावेशन केंद्र में गड़बड़ियां स्पष्ट रूप से सामने आई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों से संवाद कर इन अनियमितताओं को दूर करना चाहिए।"

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वहीं, हिंदी विभाग पर भी नियमों के विपरीत अपने चहेतों को प्रवेश देने का आरोप लगाया गया है।

ABVP इकाई अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा

"शोध प्रवेश के नतीजों से विद्यार्थियों में नाराजगी है, क्योंकि कई विभागों में मनमाने ढंग से प्रवेश सूची जारी की गई है। हम विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करते हैं कि छात्रों की शिकायतों का शीघ्र समाधान किया जाए।"

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शोध प्रवेश में अनियमितताओं पर आपत्ति

ABVP इकाई मंत्री भाष्करादित्य त्रिपाठी ने कहा कि पीएचडी प्रवेश में सीटों का द्विस्तरीय विभाजन किया गया था:

EXEMPTED श्रेणी: इसमें केवल JRF धारकों को प्रवेश दिया गया।

RET श्रेणी: इसमें NET, JRF या पीएचडी के लिए पात्र उम्मीदवारों को रखा गया।

उन्होंने मांग की कि जिन विभागों में सीटें खाली रह गई हैं, उन्हें दूसरी श्रेणी में स्थानांतरित कर प्रतीक्षा सूची के छात्रों को प्रवेश दिया जाए।

 

BNS

ABVP की तीन प्रमुख मांगें

प्रदर्शन के दौरान ABVP ने अपनी तीन मुख्य मांगें रखीं:

जून 2024 में पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को RET श्रेणी में प्रवेश का अवसर मिले।

रिक्त सीटों को दूसरी श्रेणी में परिवर्तित कर प्रतीक्षारत छात्रों को प्रवेश दिया जाए।

सामाजिक समावेशन केंद्र और मालवीय शांति अध्ययन केंद्र में अनियमितताओं को जल्द सुलझाया जाए।

प्रदर्शन के दौरान प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम भी मौके पर मौजूद रही। ABVP ने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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