
BHU में गुंडागर्दी के खिलाफ छात्रों ने खोला मार्चा, केंद्रीय कार्यालय का किया घेराव
कार्यकारी कुलपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा, विवि. प्रशासन के खिलाफ जमकर हुई नारेबाजी




ट्रामा सेंटर प्रभारी और बाउंसरों को तत्काल हटाने और उच्चस्तरीय जांच की मांग
वाराणसी, भदैनी मिरर। BHU ट्रामा सेंटर में प्रोफेसर एसपी मिश्रा के साथ दुर्व्यवहार प्रकरण दिनोदिन तूल पकड़ता जा रहा है। अब ट्रमा सेंटर प्रभारी समेत भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ छात्रों ने भी मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को छात्रों, पूर्व छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। विश्वविद्यालय प्रशासन के आला अधिकारियों की कार्यशैली, ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में बढ़ती गुंडागर्दी के खिलाफ कार्यकारी कुलपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय में प्रशासनिक गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार के जिम्मेदार ट्रामा सेंटर प्रभारी और बाउंसरों को तत्काल हटाने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। कहा गया है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय से सम्बंधित ट्रामा सेंटर एवं सर सुंदरलाल चिकित्सालय प्रशासनिक गुंडागर्दी, बाउंसरों की मनमानी, चिकित्सकीय व्यवस्था की अनदेखी, सुनियोजित दलाली और भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। इससे महामना द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और छवि धूमिल हो रही है। विश्वविद्यालय के हित में तत्काल मनमानेपन पर रोक लगाई जाय।


इसके साथ ही मांग की गई है कि विश्वविद्यालय के अस्पताल से सभी बाउंसरों को तत्काल हटाया जाय। भ्रष्ट और दागी अधिकारियों को तत्काल निलम्बित कर उच्चस्तरीय जांच हो। अस्पताल में छात्र, अध्यापक और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार बंद हो और उन्हें वरीयता दी जाय। कहा गया कि हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार कर कार्यवाही की जाय। नही तो छात्र, अध्यापक और कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। विरोध प्रदर्शन के दौरान पहुंचे बीएचयू के पूर्व शोध छात्र डा. विवेक जायसवाल पूर्व ने मीडिया को बताया कि बाउंसरों और सुरक्षाकर्मियों को आतंक काफी बढ़ गया है।

एक माह पहले वह अपने मरीज को लेकर ट्रामा सेंटर आये। बाउंसरों ने उन्हें रोका। मैने परिचय देने पर भी नही माने। इतने में कई बाउंसर आ गये और अभद्र व्यवहार करने लगे। मैने लंका थाने में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। अब प्रोफेसर एसपी मिश्रा के साथ भी दुर्व्यवहार हो गया। उन्होंने कहाकि महामना ने विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय की स्थापना की। लेकिन यहां उनके हित ही सुरक्षित नही है। विरोध प्रदर्शन में पूर्व छात्रनेता अरविंद शुक्ला, डा. मृत्युंजय तिवारी, अभिषेक सिंह, अश्विनी कुमार राय, अभय सिंह, प्रशांत कुमार यादव, डा. अशोक यादव आदि रहे।

