

कबीरचौरा महिला अस्पताल में लापरवाही मामले में राज्य महिला आयोग ने लिया संज्ञान, सीएमएस की लगाई क्लास, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश


वाराणसी, भदैनी मिरर। कबीरचौरा मंडलीय महिला अस्पताल के बाहर गर्भवती महिला का प्रसव होने की घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए कड़ी नाराज़गी जताई है।
राज्य महिला आयोग की सदस्य गीता विश्वकर्मा ने समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया और मंडलीय महिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ. नीना वर्मा से फोन पर बातचीत कर सख्त फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि वाराणसी जैसे संवेदनशील जिले में पर्याप्त संसाधन और व्यवस्थाएं होने के बावजूद ऐसी लापरवाही अक्षम्य है।



विश्वकर्मा ने सीएमएस को निर्देश दिया कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है।
बता दें कि गीता विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की ओर से वाराणसी जनपद की पर्यवेक्षण अधिकारी हैं और समय-समय पर जिले की विभिन्न घटनाओं की निगरानी करती हैं।


जानें पूरा मामला
जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा में रविवार को प्रसव पीड़ा से जूझती गर्भवती महिला को अस्पताल की नर्सों ने भर्ती करने से इंकार कर दिया और बीएचयू रेफर कर दिया। मजबूरी में महिला ने अस्पताल परिसर के टीन शेड के नीचे ही बच्चे को जन्म दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीना गुप्ता ने तत्काल जांच समिति गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने नर्स के खिलाफ कार्रवाई और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है।
महिला के परिजनों का आरोप है कि स्टाफ ने गर्भवती को भर्ती करने के बजाय अस्पताल से बाहर कर दिया। मजबूर होकर परिवारजन उसे अस्पताल परिसर में बने शेड के नीचे ले आए। इसी दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ी और महिला ने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया। वहां मौजूद लोग यह दृश्य देखकर दंग रह गए। वायरल वीडियो में साफ दिखा कि प्रसव के समय महिला को आवश्यक चिकित्सा सुविधा तक उपलब्ध नहीं कराई गई।


