
श्रीनाथ त्रिपाठी को कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी का भी मिला समर्थन, सपा प्रतिनिधिमंडल पहुंचा वाराणसी कचहरी
अधिवक्ताओं के साथ-साथ अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व को-चेयरमैन को मिल रहा है राजनीतिक समर्थन




एमएलसी आशुतोष सिन्हा बोले: "त्रिपाठी की बहाली तक संघर्ष जारी रहेगा"
वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव ने सरकार पर लगाए अधिवक्ता विरोधी रुख के आरोप
वाराणसी,भदैनी मिरर। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व को-चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी को कांग्रेस के बाद अब समाजवादी पार्टी का भी खुला समर्थन मिल गया है। बुधवार को सपा का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल वाराणसी कचहरी पहुंचा और श्री त्रिपाठी से मुलाकात कर उन्हें न्याय की लड़ाई में साथ देने का भरोसा दिलाया।

सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, एमएलसी आशुतोष सिन्हा और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में सपा सांसद वीरेंद्र सिंह, विधायक कमलाकांत राजभर, पूर्व मंत्री श्रीप्रकाश राय उर्फ लल्लन राय, विधायक राम अचल राजभर, सपा नेत्री रीबू श्रीवास्तव और अन्य नेता शामिल थे।


प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता अनुज यादव के साथ श्री त्रिपाठी के चैंबर पहुंचकर उन्हें सपा की ओर से पूरा समर्थन देने की बात कही। एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मैं खुद वकील हूं और अधिवक्ता समाज के किसी पुरोधा के साथ अन्याय होते नहीं देख सकता। सपा इस लड़ाई में श्रीनाथ त्रिपाठी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और यह संघर्ष उनकी बहाली तक जारी रहेगा।"

सांसद वीरेंद्र सिंह ने बताया कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रतिनिधिमंडल वाराणसी पहुंचा है और पार्टी का हर कार्यकर्ता इस संघर्ष में उनके साथ है।
पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल ने कहा कि श्री त्रिपाठी हमेशा अधिवक्ता हित में आवाज उठाते रहे हैं। उन्हें पद से हटाना अन्यायपूर्ण है और समाजवादी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव ने कहा कि, "त्रिपाठी जी ने हमेशा वकीलों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है, जो सरकार को रास नहीं आया। सरकार की अधिवक्ता विरोधी नीतियों के खिलाफ बोलने की वजह से उन्हें पद से हटाया गया है।"
इस समर्थन के साथ त्रिपाठी को अब राजनीतिक मोर्चे पर भी मजबूती मिलती दिख रही है। कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय पहले ही उन्हें समर्थन दे चुके हैं। अब सपा के समर्थन के बाद अधिवक्ताओं की यह लड़ाई और तेज़ होती नजर आ रही है।

