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सोयपुर जहरीली शराब कांड: 28 मौतों के बहुचर्चित मामले में 16 आरोपित कोर्ट से दोषमुक्त

साक्ष्य के अभाव में विशेष गैंगस्टर कोर्ट का बड़ा फैसला, 2010 में जहरीली शराब पीने से गई थीं 28 जानें
 

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Anuj Bhaiya
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वाराणसी,भदैनी मिरर। वर्ष 2010 में जिले को झकझोर देने वाले बहुचर्चित सोयपुर जहरीली शराब कांड में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) सुशील कुमार खरवार की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में इस मामले में नामजद 16 आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।

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कोर्ट से दोषमुक्त किए गए आरोपितों में बचाऊ जायसवाल उर्फ विजय जायसवाल, राघवेंद्र उर्फ गबड़ू जायसवाल, सारिका गुप्ता, शिवभजन गुप्ता उर्फ बबलू, गोपाल राजभर उर्फ बिल्ली, राजकुमार जायसवाल, महेश जायसवाल, नवल चौहान, भोनू जायसवाल, अनिल पाण्डेय, संजय जायसवाल, विक्की उर्फ विकास जायसवाल, अल्लू उर्फ बब्लू जायसवाल, सुनील पाल चौहान, राहुल सिंह और राजेश प्रसाद गुप्ता शामिल हैं।

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अधिवक्ताओं ने रखा मजबूत पक्ष


अदालत में बचाऊ जायसवाल, राघवेंद्र जायसवाल, सारिका गुप्ता और शिवभजन गुप्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव, नरेश यादव और संदीप यादव ने पक्ष रखा। लंबी सुनवाई और साक्ष्यों के परीक्षण के बाद कोर्ट ने आरोप सिद्ध न होने पर सभी को राहत दी।

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कैसे हुआ था पूरा मामला


अभियोजन के अनुसार, इस मामले की शुरुआत 17 फरवरी 2010 को हुई थी, जब वादी दिनेश राजभर ने कैंट थाने में तहरीर दी। आरोप लगाया गया था कि 16 फरवरी को गांव में दाह संस्कार के बाद कई ग्रामीणों ने सोयपुर क्षेत्र में शराब पी थी, जिसमें विषैला पदार्थ मिला हुआ था।

जहरीली शराब पीने के बाद उसी रात लालजी राजभर, शिवचरण राजभर और लक्ष्मीना देवी की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य लोग गंभीर हालत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। इलाज के दौरान इस कांड में कुल 28 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया था।


गैर इरादतन हत्या और गैंगस्टर एक्ट में दर्ज हुआ था मुकदमा


पुलिस ने इस मामले में आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, आबकारी अधिनियम और गैंगस्टर एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 10 गवाहों का परीक्षण कराया गया।


चार आरोपितों की हो चुकी है मौत


विचारण के दौरान जवाहर लाल जायसवाल, अंबू देवी, शंभू सिंह और महेंद्र कुमार जायसवाल की मृत्यु हो जाने के कारण उनके खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पहले ही समाप्त कर दी गई थी।


लंबे समय से चर्चा में रहा मामला


सोयपुर जहरीली शराब कांड अपने समय में प्रदेश स्तर पर चर्चा का विषय बना था। अब करीब 15 साल बाद आए इस फैसले को लेकर एक बार फिर मामला सुर्खियों में आ गया है।
 

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