वाराणसी में मुस्लिम समुदाय पर हमलों के लेकर सामाजिक संगठनों ने पुलिस कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन, उच्चस्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग




वाराणसी, भदैनी मिरर। शहर में बीते दिनों मुस्लिम समुदाय के लोगों पर कथित हमलों और पुलिस की निष्क्रियता को लेकर सामाजिक संगठनों और नागरिक समाज से जुड़े लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अरविंद कुमार और श्रमिक जागृति संगठन के अनूप एडवोकेट प्रेमप्रकाश सिंह यादव समेत विभिन्न समाजिक संगठनों ने पुलिस पर सांप्रदायिक, जिसमें हमलावरों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है उच्चस्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

लगातार हो रहे हमलों से समुदाय में आक्रोश
ज्ञापन पत्र में सामाजिक संगठनों के अनुसार, बीते कुछ दिनों में वाराणसी के कई इलाकों में मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हमले किए गए, जिनमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही। 6 मार्च को अंबियामंडी थाना, आदमपुर, 27 फरवरी को बखरिया कुंड, जैतपुरा, 4 मार्च कोटवा, लोहता, 11 मार्च दीनदयाल पुर, सारनाथ में हमले किए गए।

संगठनों का कहना है कि इन सभी घटनाओं में पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही आरोपी बना दिया, जबकि सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों को बचाया गया।
होली और जुमे की नमाज को लेकर बढ़ी चिंताएं
संगठनों ने आगामी होली और जुमे की नमाज के एक ही दिन होने* को लेकर भी प्रशासन को आगाह किया है। उनका कहना है कि अराजक तत्व और सांप्रदायिक ताकतें इस मौके पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकती हैं, जिससे वाराणसी की गंगा-जमुनी तहजीब को खतरा हो सकता है।
संगठनों की तीन प्रमुख मांगें
1. सभी घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं।
2. ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. होली और जुमे की नमाज के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए विशेष प्रशासनिक आदेश जारी किए जाएं।

