
बिजलीकर्मियों के घर लगा रहे थे स्मार्ट मीटर, कर्मचारियों और परिवारों का विरोध देख लौटे
बिजली के निजीकरण के खिलाफ 323 दिन से आंदोलित हैं बिजली कर्मचारी



सभा में कर्मचारियों ने खोली बिजली नीति पर सरकार की पोल, बोले-बिना सहमति के पोस्टपेड मीटर की जगह प्री-पेड लगा दिया गया
कहा-विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) का हो रहा खुला उलंघन
वाराणासी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन की 323 वें दिन बनारस के बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर भांति ही बनारस में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।



वक्ताओं ने बताया कि पावर कारपोरेशन आज-कल लगता है कि नियम विरुद्ध कार्य करने पर पूरा अमादा है, जैसे बिना उपभोक्ताओं के सहमति के बिना ही विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) का खुला उलंघन कर उपभोक्ताओं का पोस्टपेड कनेक्शन को प्रीपेड में बदल दिया गया है। वहीं विद्युत उपभोक्ताओं से पोस्टपेड कनेक्शन आवेदन करने का विकल्प ही पावर कारपोरेशन ने खत्म कर दिया है। इसके कारण आम उपभोक्ताओं का 1 किलो वाट का कनेक्शन जो पहले 1570 रुपये में मिल जाता था वो अब 6414 रुपये का हो गया है। उन्होंने बताया कि विद्युत अधिनियम 2003 या विद्युत सप्लाई कोड 2005 या विद्युत नियामक आयोग द्वारा किसी भी प्रकार का आदेश या नियम में संशोधन नही किया गया है, जिससे केवल प्रीपेड कनेक्शन का विकल्प साबित हो। ऐसे में पावर कारपोरेशन अपनी मनमानी कैसे कर रहा है। विद्युत नियामक आयोग भी मूकदर्शक बनकर नियम विरुद्ध कार्य होने दे रहा है।

वक्ताओ ने बताया कि बिजलिकर्मियों को सरकार के गजट नोटिफिकेशन और संघर्ष समिति के साथ प्रदेश सरकार से सन 2000 में समझौता होने के बाद ही बिजलिकर्मियो के घर स्मार्ट मीटर लगाने का प्रयास अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। इसका आज बनारस के पांडेयपुर में भी बिजलिकर्मियो एवं उनके परिवार द्वारा जमकर विरोध हुआ और अंततः सबको वापस होना पड़ा। उन्होंने बताया कि बताया कि पॉवर कारपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के साथ ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत सभी बड़े शहरों के निजीकरण की रूपरेखा तैयार कर रहा है। आज इसी योजना के तहत पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत गाजियाबाद के दो शहरी क्षेत्र, मुरादाबाद क्षेत्र और सहारनपुर क्षेत्र की प्रशासनिक संरचना के बदलाव के आदेश जारी किए गए हैं। कहा गया कि दीपावली के पर्व पर उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बिजलिकर्मियो ने दीपावली पर रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की योजना बनाई। सभी संबंधित अभियंताओं और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अपने क्षेत्र में दीपावली के पूरे पर्व के दौरान और छठ पूजा तक उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में जुट जांय।

संघर्ष समिति ने कहा कि अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि जहां एक ओर बिजलीकर्मी दीपावली पर निर्बाध बिजली आपूर्ति की तैयारी में लगे हैं वहीं दूसरी ओर पावर कॉरपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के साथ पश्चिमांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले बड़े शहरों के निजीकरण की तैयारी में है और उनका प्रशासनिक ढांचा मनमाने ढंग से बदलने का आदेश जारी कर रहा है। संघर्ष समिति ने बताया कि इस संबंध में आज पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने गाजियाबाद के दो क्षेत्र, सहारनपुर क्षेत्र और मुरादाबाद क्षेत्र का प्रशासनिक ढांचा ईज ऑफ लिविंग के नाम पर निजीकरण की दृष्टि से मनमाने ढंग से बदलने का आदेश जारी कर दिया है। संघर्ष समिति ने बताया कि नोएडा क्षेत्र का प्रशासनिक ढांचा बदलने का आदेश लगभग तैयार है और इसे भी दीपावाली के पूर्व जारी कर दिया जाएगा।
संघर्ष समिति ने कहा कि वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग और ईज ऑफ लिविंग के नाम पर विद्युत वितरण का प्रशासनिक ढांचा मनमाने ढंग से बदलना, केवल निजीकरण के लिए किया जा रहा है। ध्यान रहे प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष और मेरठ के भाजपा विधायक श्री अमित अग्रवाल ने प्राक्कलन समिति की बैठक में वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग का जोरदार विरोध किया था। प्राक्कलन समिति की बैठक में श्री अमित अग्रवाल ने कहा था कि वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग के बाद मेरठ शहर की बिजली व्यवस्था और खराब हो गई है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन का ध्यान बिजली व्यवस्था में सुधार के बजाय निजीकरण पर है। इससे उपभोक्ताओं और पॉवर सेक्टर का बहुत नुकसान हो रहा है। वर्षों से चली आ रही व्यवस्था में अभियंताओं से विचार विमर्श किए बिना किए जा रहे बदलाव के दुष्परिणाम मेरठ ,अलीगढ़ और बरेली में दिखाई दे रहे हैं उसके बावजूद प्रबंधन मनमानेपन पर उतारू है। सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, आरबी यादव, अंकुर पाण्डेय, रंजीत कुमार, रंजीत पटेल, राजेश पटेल, धर्मेन्द्र यादव, योगेंद्र कुमार, सुशांत कुमार, सूरज रावत, विकास ठाकुर, उदयभान दुबे, जयप्रकाश सिंह, आदि ने संबोधित किया।

