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शिवपुर रामलीला: भगवान राम की भव्य बारात और विवाह पंचमी का अद्भुत मंचन, काशी की सांस्कृतिक धरोहर का अनोखा नजारा

भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न बग्गियों पर सवार होकर पहुंचे बारात में, द्वार पूजा, जलपान और विवाह पंचमी के अवसर पर हुआ पावन मिलन

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Ramleela Varanasi
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वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का जीवंत स्वरूप मानी जाने वाली शिवपुर रामलीला ने शनिवार को अपनी भव्यता से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। रामनगर के बाद वाराणसी की दूसरी सबसे प्रमुख रामलीला के रूप में प्रसिद्ध इस आयोजन के आठवें दिन भगवान राम की बारात, विवाह और माता सीता की विदाई का मनोहारी मंचन हुआ।
भव्य बारात का शुभारंभ
शिवपुर रेलवे क्रॉसिंग से भगवान राम की बारात का शुभारंभ हुआ। चारों भाई—राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न—पारंपरिक परिधानों में बग्गियों पर सवार होकर निकले। राजा दशरथ, गुरु वशिष्ठ और अन्य बराती उत्साह और उल्लास के साथ बारात में शामिल हुए।
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द्वार पूजा और जलपान की रस्मों के बाद भगवान राम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि पर संपन्न हुआ। इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में जाना जाता है। विवाह का मंचन इतना वास्तविक और भावुक था कि दर्शक आध्यात्मिक आनंद में डूब गए।
माता सीता की विदाई का भावुक दृश्य
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कार्यक्रम का सबसे मार्मिक क्षण माता सीता की विदाई का रहा। परंपरागत भावनाओं और रीति-रिवाजों से परिपूर्ण इस दृश्य ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं।
शिवपुर रामलीला केवल धार्मिक मंचन भर नहीं है, बल्कि यह सामुदायिक एकता और भक्ति का भी प्रतीक है। काशी की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने वाला यह आयोजन हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
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रामलीला को सफल बनाने में शिवपुर रामलीला समिति और प्रशासन का विशेष योगदान रहा। समिति के अध्यक्ष अतुलित उपाध्याय, मंत्री संतोष मिश्रा, कोषाध्यक्ष आर्यन सिंह, उपाध्यक्ष विकास सिंह सहित अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, शिवपुर थाना प्रभारी जगदीश कुशवाहा और पुलिस टीम का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा।
रामलीला के नौवें दिन रविवार को दशरथ सभा और कोप भवन का मंचन होगा, जिसका दर्शक उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
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