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शिवपुर रामलीला: किष्किंधा से गमन, विभीषण मिलन और समुद्र तट वास का भव्य मंचन, गूंजा जय श्रीराम

29वें दिन मंचित हुए युद्धकांड के प्रमुख प्रसंग, विभीषण का राम की शरण में आना बना आकर्षण

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Varanasi Ramleela
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वाराणसी। शिवपुर की विश्वप्रसिद्ध रामलीला अपने 34 दिनों की ऐतिहासिक परंपरा के साथ इस वर्ष भी भक्तिरस, भव्यता और काशी की संस्कृति का अद्भुत संगम बनी हुई है। 29वें दिन के मंचन में रामायण युद्धकांड के प्रमुख प्रसंग—किष्किंधा से गमन, विभीषण मिलन और समुद्र तट पर वास का जीवंत चित्रण किया गया, जिसने दर्शकों को भक्ति भाव में सराबोर कर दिया।

किष्किंधा से वानर सेना का गमन

मंचन की शुरुआत भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और वानर सेना के किष्किंधा से लंका की ओर प्रस्थान के दृश्य से हुई। सुग्रीव, हनुमान, जामवंत और अंगद जैसे पात्रों की दमदार प्रस्तुति ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। कलाकारों ने वानर सेना की एकता और रामभक्ति को इस तरह जीवंत किया कि दर्शक स्वयं को उस यात्रा का हिस्सा महसूस करने लगे।
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विभीषण मिलन बना आकर्षण
रामलीला का दूसरा प्रमुख प्रसंग था—रावण के भाई विभीषण का भगवान राम की शरण में आना। धर्म और सत्य की राह चुनते हुए विभीषण का रावण से विरोध करना और राम से मिलन दर्शकों की भावनाओं को छू गया। इस दृश्य में राम की करुणा और विभीषण की विनम्रता का संयोजन इतना मार्मिक रहा कि कई श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं।
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समुद्र तट पर वास और सेतु बंधन की तैयारी
मंचन का अंतिम हिस्सा समुद्र तट पर वास का रहा, जहां भगवान श्रीराम ने शिवलिंग स्थापित कर समुद्र से मार्ग मांगा। मंच पर समुद्र की लहरों, शिवलिंग पूजन और सेतु बंधन की तैयारी का दृश्य इतना भव्य था कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। हनुमान और वानरों की चंचलता तथा राम की शांत दृढ़ता ने इस प्रसंग को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।
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स्थानीय संस्कृति की झलक
शिवपुर रामलीला की सबसे बड़ी खासियत रही कि संवाद, गीत और वेशभूषा में काशी की संस्कृति झलकी। मंच पर प्रयुक्त झांझ, मृदंग और भक्ति गीतों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। सजावट में पारंपरिक शैली से किष्किंधा, समुद्र तट और शिवलिंग के दृश्य जीवंत किए गए।
दर्शकों का उत्साह चरम पर
मंचन देखने भारी भीड़ उमड़ी और हर दृश्य पर तालियां व "जय श्रीराम" के जयघोष गूंज उठे। स्थानीय लोगों के साथ दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं ने भी इस भव्य आयोजन का आनंद लिया। दर्शकों का कहना था कि यह आयोजन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
परंपरा को संजोने का प्रयास
34 दिवसीय शिवपुर रामलीला के आयोजन में श्री रामलीला सेवा समिति शिवपुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। समिति अध्यक्ष अतुलेश उपाध्याय, उपाध्यक्ष विकास सिंह, मंत्री संतोष मिश्रा, कोषाध्यक्ष आर. एन. सिंह और कार्यकारिणी सदस्यों का योगदान उल्लेखनीय रहा। वहीं मीडिया प्रभारी आनंद तिवारी, रवि प्रकाश बाजपेई और वीरेंद्र कुमार पटेल आयोजन की गतिविधियों को जन-जन तक पहुंचाने में जुटे हैं।
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