गोरक्षा को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने किया बड़ा ऐलान, राजनीति में आने को लेकर कह दी ये बड़ी बात...
गौमांस खाने वालों को दिया सुझाव




गोरक्षक को ही वोट देंगे- अविमुक्तेश्वरानंद
गाय के समर्थन में कोई भी राजनीतिक दल नहीं आया- अविमुक्तेश्वरानंद
वाराणसी। उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwaranand) ने देश में गोरक्षा को लेकर राजनीतिक दलों की निष्क्रियता पर तीखा हमला बोलते हुए घोषणा की कि अब गौरक्षा ही सनातनी राजनीति की दिशा तय करेगी। काशी के केदारघाट स्थित श्री विद्यामठ में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे बहुसंख्यक हिन्दू राष्ट्र में अब तक गौहत्या पर कोई केंद्रीय कानून न बन पाना राजनैतिक इच्छाशक्ति के अभाव का परिचायक है। संविधान की धारा 48 में गोहत्या रोकने की बात कही गई है, लेकिन 78 वर्षों में भी इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए।

गाय के समर्थन में कोई भी राजनीतिक दल सामने नहीं आया"
शंकराचार्य ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ के बाद उन्होंने देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से यह स्पष्ट करने की माँग की थी कि वे गोमाता के समर्थन में हैं या विरोध में। लेकिन कोई भी पार्टी स्पष्ट उत्तर देने सामने नहीं आई। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने तो उन्हें अपने कार्यालय के सामने जाने से भी रोक दिया और कार्यक्रम की अनुमति रद्द करवा दी।

"अब मतदाता तय करेंगे – गोरक्षक को ही वोट देंगे"
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ऐलान किया कि अब गोरक्षा के लिए प्रतिबद्ध मतदाता ही देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे। उन्होंने कहा कि जो पार्टी या प्रत्याशी गोरक्षा सहित सनातनी मूल्यों की रक्षा का संकल्प लेगा, अब उसी को वोट दिया जाएगा।

"सनातनी राजनीति ही है 80 करोड़ हिन्दुओं की माँग"
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर वोटर स्पष्ट विचारधारा वाले प्रत्याशी को वोट देना तय करेगा तो वैसा प्रत्याशी भी राजनीति में आगे आएगा। उन्होंने कहा, "80 करोड़ सनातनी हिन्दुओं की आवाज उठाने के लिए अब एक विशुद्ध सनातनी राजनीतिक धारा आवश्यक हो गई है।"
राजनीति में आने को लकेर कहा...
शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि धर्माचार्य होने के नाते वे स्वयं कोई राजनीतिक दल नहीं बनाएंगे, लेकिन एक मतदाता के नाते इतना जरूर कहेंगे कि वोट देने से पहले सोचना चाहिए कि कहीं वह वोट गौहत्या को तो नहीं बढ़ावा दे रहा।
"33 कोटि गौमतदाता बनेंगे 33 कोटि देवताओं के प्रतीक"
उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति गोरक्षा के लिए मतदान, गौग्रास, और गौव्रत का संकल्प लेगा, उसे "गोदेव" या "गोदेवी" के रूप में सम्मानित किया जाएगा। ये ही गौभक्त भारत में सनातन संस्कृति की पुनः स्थापना कर सकेंगे।
देशभर में बनेगा 3 लाख रामाधाम
गोप्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत देश के सभी 4123 विधानसभा क्षेत्रों में गोविधायक नियुक्त किए जा रहे हैं, जिनकी देखरेख में हर विधानसभा क्षेत्र में रामाधाम की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक रामाधाम में 108 देसी "रामा गायें" रहेंगी।
काशी में खुलेगी रामा लैब
वाराणसी में रामा प्रयोग सेवालय की स्थापना की जा रही है, जहाँ डीएनए जांच के माध्यम से शुद्ध देसी गायों की पहचान की जाएगी। यह प्रयोगशाला अक्षय तृतीया तक तैयार हो जाएगी।
33 करोड़ आहुतियों के लिए होगा राष्ट्रव्यापी गोप्रतिष्ठा यज्ञ
शंकराचार्य ने जानकारी दी कि 33 करोड़ देवताओं के जागरण हेतु 2.61 करोड़ आहुतियाँ प्रयागराज में पहले ही दी जा चुकी हैं। शेष आहुतियाँ पूरे देश के विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले यज्ञों के माध्यम से पूर्ण की जाएँगी।
उन्होंने कहा, गौरक्षा को रोजगार से जोड़ने के लिए अगले माह से गोपाल पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। भविष्य में इसे "गो विश्वविद्यालय" के रूप में विकसित किया जाएगा।
गौरक्षकों को मिलेगा "गौवीर सम्मान"
देशभर के निःस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे गौरक्षकों को गौवीर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। शंकराचार्य जी ने कहा कि गौरक्षक गुंडे नहीं, सनातनी धर्मरक्षक हैं।
गौमांस खाने वालों को दिया सुझाव
उन्होंने स्पष्ट कहा कि संविधान और बहुसंख्यक हिन्दू समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए गौमांस उपभोग करने वालों को अपने खानपान पर पुनर्विचार करना चाहिए।
इस अवसर पर गोसेवालय प्रमुख देवेन्द्र पाण्डेय, विनय कक्कड़, महेश आहूजा, बाबूलाल जांगीड, विकास पाटनी, किशोर भाई दवे, डॉ गार्गी पंडित, स्तनुपुरुषानंद ब्रह्मचारी, डॉ शशिकांत यादव, साध्वी आदित्यंबा सहित अनेक संत व गोभक्त उपस्थित रहे।

