वाराणसी में दिशा समिति की बैठक न होने पर सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने जताई नाराजगी, बीजेपी पर लगाए कई गंभीर आरोप




वाराणसी। चंदौली से सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने वाराणसी में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक लंबे समय से न होने पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे सरकार की लापरवाही बताते हुए कहा कि केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिशा समिति की साल में कम से कम चार बैठकें होना अनिवार्य है, लेकिन बीते 8-9 महीनों से एक भी बैठक नहीं बुलाई गई है।

अपने आवास टैगोर टाउन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सांसद ने कहा कि दिशा समिति सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत की समीक्षा और क्रियान्वयन की निगरानी के लिए जरूरी मंच है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय हो। उन्होंने कहा, "मनरेगा के मजदूरों का भुगतान, पीएम आवास योजना की प्रगति, चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति और गोद लिए गांवों का विकास—इन सभी मुद्दों की चर्चा दिशा बैठक में होती है। लेकिन वाराणसी में बैठक न होने से ये तमाम मसले अछूते रह गए हैं।"

वाराणसी से गलत संदेश: सांसद की चिंता
सांसद वीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में इस तरह की अनदेखी से अन्य जिलों को भी गलत संदेश जाता है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को कई बार पत्र भेजा, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने कहा, "क्या वाराणसी की जनता को केंद्र सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाने या जानकारी लेने का हक नहीं है?" सांसद ने अपने क्षेत्र भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं और समाधान में देरी से जनता में असंतोष बढ़ रहा है।
बीजेपी पर शराब नीति को लेकर गंभीर आरोप
इसके अलावा, सांसद ने उत्तर प्रदेश में शराब नीति को लेकर भी बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गरीब और वंचित समुदायों की बस्तियों—जैसे बिंद, बियार, मल्लाह, आदिवासी और दलित क्षेत्रों—में देसी शराब के ठेके खोलने की अनुमति देकर सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ रही है।
सांसद के अनुसार, चंदौली जिले में शराब के अधिकतर ठेके भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम पर संचालित हो रहे हैं, जिनके पीछे संगठित शराब माफिया काम कर रहा है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित साजिश बताते हुए कहा कि भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव और आगामी पंचायत चुनावों में शराब के जरिए वोट प्रभावित करने की योजना बना रही है।
वीरेंद्र सिंह ने घोषणा की कि वे इस मामले को चुनाव आयोग के समक्ष उठाएंगे और इसकी स्वतंत्र जांच की मांग करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं इस साजिश का पर्दाफाश करुंगा और जनता को सच्चाई से अवगत कराऊंगा।"

