

कुणाल की मौत को हत्या बताकर सपा ने जिला मुख्यालय का किया घेराव, पुलिस पर आरोपियों के बचाने का आरोप
तेवर गांव के ग्रामीणों संग समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन, आरोप- मंत्री की शह पर पुलिस बचा रही आरोपियों को

Updated: Aug 25, 2025, 23:05 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर। चोलापुर के तेवर गांव निवासी कुणाल गोंड की मौत को हत्या बताकर आज वाराणसी जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन हुआ। समाजवादी पार्टी (सपा) ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस मंत्री की शह पर हत्या के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है और अब तक पीड़ित परिवार की एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई।


सपा अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री व्यासजी गोंड तथा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव की अगुवाई में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और ग्रामीण सपा कार्यालय से जुलूस निकालकर जिला मुख्यालय पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने “कुणाल के हत्यारों को फांसी दो”, “कुणाल के हत्यारों को गिरफ्तार करो” जैसे नारे लगाए।



प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए जिला मुख्यालय पर कैंट और शिवपुर थाने की फोर्स तैनात की गई। मौके पर पहुंचे एसीएम तृतीय को प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में एक मंत्री के इशारे पर काम कर रही है और निष्पक्ष कार्रवाई करने से बच रही है।


इस प्रदर्शन में रीबू श्रीवास्तव, किशन दीक्षित, संतोष यादव एडवोकेट, राहुल यादव, जवाहर, सुनील यादव, डीके मौर्य, गोपाल पांडेय समेत कई सपा कार्यकर्ता और ग्रामीण मौजूद रहे।
क्या हुआ था कुणाल गोंड के साथ?
तेवर गांव निवासी कुणाल गोंड (18 वर्ष) का शव 21 जुलाई को चोलापुर थाना क्षेत्र स्थित नाद नदी किनारे मिला था। वह 20 जुलाई को अपने तीन दोस्तों करण, आशीष और नन्हकू के साथ एक दोस्त का जन्मदिन मनाने घर से निकला था। रातभर जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। सुबह ग्रामीणों ने नदी किनारे कुणाल का शव देखा और सूचना दी।

परिजनों का आरोप था कि जिन दोस्तों के साथ वह गया था, उनके परिवार से रास्ते को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। पुलिस ने इस मामले को सड़क हादसा बताते हुए जांच पूरी करने की कोशिश की, लेकिन परिजनों ने इस दावे को नकार दिया। उनका कहना था कि बाइक बिल्कुल सही हालत में मिली और दोस्तों को कोई चोट नहीं आई, जबकि कुणाल के शरीर पर गहरे चोट के निशान थे।

