रविदास जयंती: संत निरंजन दास संग हजारों अनुयायियों का जत्था पहुंचा काशी, ढोल नगाड़ों के साथ हुआ भव्य स्वागत




वाराणसी। संत शिरोमणि गुरु रविदास की माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) जयंती के अवसर पर देश-विदेश से हजारों अनुयायी काशी पहुंचे हैं।संत निरंजन दास के नेतृत्व में रविवार को बेगमपुरा एक्सप्रेस से श्रद्धालु रविदास मंदिर दर्शन के लिए रवाना हुए, जो सोमवार को वाराणसी पहुंचे। कैंट रेलवे स्टेशन पर संत निरंजन दास और उनके साथ आए श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान फूलों की वर्षा और गाजे-बाजे के साथ जोरदार अभिनंदन किया गया।


500 से अधिक एनआरआई समेत 2000 साधु-संतों का आगमन
संत निरंजन दास के साथ 500 से अधिक एनआरआई सहित करीब 2000 साधु-संत और अनुयायी काशी पहुंचे हैं। इसे लेकर संत रविदास जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर में भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है, जहां संत निरंजन दास पूजन-अर्चन करेंगे और देश-विदेश से आए श्रद्धालु चरण वंदन करेंगे।


संत निरंजन दास ने सोमवार को ट्रस्ट के पदाधिकारियों और ट्रस्टियों के साथ बैठक कर तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने **सभा पंडाल, ठहरने की व्यवस्था, लंगर और अन्य तैयारियों का जायजा लिया। शाम को वह श्रद्धालुओं के साथ रविदास पार्क में दीपदान और सत्संग करेंगे।


काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़, सुरक्षा कड़ी
महाकुंभ के पलट प्रवाह और माघ पूर्णिमा के विशेष स्नान के चलते काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। मंदिर परिसर और आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। धर्मस्थल के पास अस्थायी पुलिस चौकी बनाई गई है, जहां 24 घंटे पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा संवेदनशील स्थानों पर सादे कपड़ों में भी सुरक्षाकर्मी निगरानी कर रहे हैं।

भव्य उत्सव की तैयारी, अनुयायियों में उत्साह
संत रविदास जयंती के अवसर पर सीरगोवर्धनपुर में धार्मिक आयोजन, भजन-कीर्तन और सत्संग होंगे। संत निरंजन दास के नेतृत्व में श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। इस मौके पर काशी में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे पूरे शहर में भक्ति और आस्था का माहौल बना हुआ है।


