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एसीपी व थानाध्यक्ष पर जानलेवा हमले के मामले में 19 आरोपितों को जमानत, कोर्ट ने दो-दो जमानतें व बंधपत्र पर रिहा किया

पानी के पाइप विवाद से शुरू हुआ मामला थाने के घेराव और पुलिस पर हमले तक पहुंचा; एसीपी व कई पुलिसकर्मी घायल, कोर्ट ने आरोपितों को राहत दी

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Anuj Yadav
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वाराणसी,भदैनी मिरर।  पानी के पाइप विवाद से शुरू हुआ तनाव थाने के घेराव और पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले तक पहुंच गया था। इस मामले में गिरफ्तार सुल्तानपुर, रामनगर के 19 आरोपितों को जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सभी आरोपितों को 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है।

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अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, रोहित यादव और संदीप यादव पेश हुए और आरोपितों की ओर से पक्ष रखा।

कैसे हुआ विवाद — पानी के पाइप से शुरू हुई पूरी घटना

अभियोजन पक्ष के अनुसार 9 नवंबर 2025 को रामनगर थाने के उपनिरीक्षक जयप्रकाश सिंह को सूचना मिली कि सुल्तानपुर गांव में पानी के पाइप को लेकर विवाद हुआ है और कुछ लोग ग्राम प्रधान रितू देवी से मारपीट कर रहे हैं।

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पुलिस मौके पर पहुंची और ग्राम प्रधान की तहरीर पर विशेष मौर्या, राहुल विश्वकर्मा और रोहित पटेल को पकड़कर थाने ले आई।

थाने का घेराव, भीड़ हुई उग्र

घटना की जानकारी गांव में फैलते ही सैकड़ों ग्रामीण थाने पहुंच गए और घेराव शुरू कर दिया। स्थिति गंभीर होती देख थानाध्यक्ष रामनगर ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी।
कुछ ही देर में एसीपी कोतवाली अतुल अंजान और कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत करने का प्रयास करने लगी।

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ईंट-पत्थर से हमला, एसीपी व कई पुलिसकर्मी घायल

भीड़ अचानक उग्र हो गई और एसीपी, थानाध्यक्ष और पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया। हमले में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
हमले के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज करते हुए 55 नामजद और कई अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। बाद में इनमे से 19 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।


अब अदालत से मिली राहत

करीब एक सप्ताह से जेल में बंद सभी 19 आरोपितों को कोर्ट ने राहत देते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है।
 

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