बनारस में भव्य क्वीयर प्राइड मार्च: गुलाब बाग से मलदहिया तक गूंज उठी समानता और सम्मान की आवाज़
ट्रांसजेंडर (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के प्रभावी क्रियान्वयन की माँग तेज; LGBTQIA+ समुदाय, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक बड़ी संख्या में शामिल।

भदैनी मिरर डिजिटल डेस्क, वाराणसी। वाराणसी में रविवार 7 दिसंबर को गुलाब बाग सिगरा से मलदहिया तक क्वीयर प्राइड मार्च का आयोजन हुआ। LGBTQIA+ समुदाय, सामाजिक संगठनों और शहरवासियों ने रंग-बिरंगे झंडों, पोस्टरों और नारों के साथ समानता, सम्मान और सुरक्षित वातावरण की माँग को बुलंद किया। मार्च ने पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर खींचा।



रंग-बिरंगे झंडों के बीच गुलाब बाग से शुरू हुआ मार्च
सुबह गुलाब बाग पार्क, सिगरा में जुटी भीड़ में कला, संस्कृति और विविधता का सुंदर मेल दिखा। आरोही ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके बाद जुलूस जीजीआईसी मलदहिया, इंग्लिशिया लाइन, फूलमंडी और काशी विद्यापीठ होते हुए वापस आई.पी. मॉल होते हुए गुलाब बाग लौटकर समाप्त हुआ।
मार्च में हाथों में लिए गए पोस्टर-शिक्षा अधिकार, सुरक्षित वातावरण, भेदभाव से मुक्ति, रोजगार में समान अवसर -सबकी नज़रें खींच रहे थे।


सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रखी अपनी बात
कार्यक्रम स्थल पर हुई सभा में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने क्वीयर और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों पर अपनी बात रखी।
ऋचा सिंह, राज्य संयोजक, NAPM ने कहा, “बनारस सांस्कृतिक विविधता की धरती है। ट्रांस और क्वीयर समुदाय को समाज में गरिमापूर्ण और समान स्थान दिलाने की लड़ाई यहाँ से ही सबसे मजबूत हो सकती है।”

प्रो. संजय, काशी विद्यापीठ ने कहा कि बनारस सर्वधर्म और सर्वपंथ स्वीकार्यता का शहर रहा है। यहाँ क्वीयर समुदाय का सम्मान भी उतनी ही स्वाभाविकता से होना चाहिए।
हेतवी का वक्तव्य
हेतवी ने ट्रांसजेंडर (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 की जमीनी चुनौतियों पर बात रखते हुए कहा—
- पहचान पत्र जारी करने में देरी
- रोजगार और शिक्षा में अवसरों की कमी
- सरकारी विभागों में संवेदनशीलता प्रशिक्षण का अभाव
- आवास और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच
उन्होंने सरकार से सभी विभागों में स्पष्ट दिशानिर्देश लागू करने और समुदाय की भागीदारी के साथ मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित करने की मांग की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और जनगीत ने बांधा माहौल
प्रिज्मैटिक फाउंडेशन, लोक समिति, एशियन ब्रिज इंडिया, दखल सहित कई संस्थाओं ने सूचना केंद्र और जागरूकता स्टॉल लगाए। क्वीयर और ट्रांसजेंडर साथियों ने अपने मुद्दों पर आधारित गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम का संचालन दीक्षा और अनन्या ने किया जबकि स्वागत नीति ने किया।
लोक समिति की ओर से नंदलाल मास्टर और उनकी टीम ने जनगीत प्रस्तुत कर वातावरण को ऊर्जा से भर दिया।
कई प्रसिद्ध कार्यकर्ता और छात्र हुए शामिल
मार्च में नीति, टैन, आर्या, अनन्या, मिथि, साहिल, स्मृति, हेतवी, श्रेया, उदय, अर्जुन, तुषार, बंटी, ओम, अनुराग, जैसिक, राधा, नितिन, जाह्नवी, प्रेम नट, वरिष्ठ गांधियन रामधीरज भाई, जागृति राही, डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी, मूसा आज़मी, धनंजय, महेंद्र, रंजू, दीपक पुजारी, विजेता, सौरभ, सचिन सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

