बरसात से पहले चलाए जन-जागरूकता अभियान, आपदा पीड़ितों को 24 घंटे के भीतर सहायता देने के आदेश




वाराणसी : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की अहम बैठक रविवार को सर्किट हाउस सभागार में संपन्न हुई। समिति अध्यक्ष अवनीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की गई एवं भविष्य के लिए आवश्यक सिफारिशें तय की गईं।

आपदा पूर्व और पश्चात तैयारी पर जोर
बैठक के दौरान अध्यक्ष अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में प्राथमिक उद्देश्य मानव जीवन की सुरक्षा होना चाहिए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि बारिश से पहले व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाएं, कार्यशालाओं का आयोजन करें और आपदा पीड़ितों को 24 घंटे के भीतर सहायता सुनिश्चित करें। उन्होंने आपदा मित्रों से भी अपने दायित्वों को लेकर सतर्क रहने की अपील की।


वज्रपात और सर्पदंश पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वज्रपात के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी और बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर खेतों में ऐसी घटनाओं की संभावना अधिक होती है। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने सर्पदंश से बचाव और त्वरित उपचार के उपाय साझा किए। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी-स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

एनडीआरएफ का प्रस्तुतीकरण और ऐप जानकारी
एनडीआरएफ के कमांडेंट ने आपदा के दौरान टीम द्वारा अपनाई जाने वाली तकनीकों की जानकारी दी। साथ ही ‘दामिनी’ और ‘सचेत’ ऐप के माध्यम से नागरिकों को समय रहते सतर्क रहने की अपील की गई।
जनहानि के आंकड़ों की सत्यता पर सवाल
अध्यक्ष ने जनहानि के आंकड़ों में विसंगतियों पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे स्वयं इनकी जांच कर सही जानकारी प्रस्तुत करें। नगर निगम द्वारा प्रस्तुत नाला सफाई और सिल्ट हटाने के पुराने आंकड़ों के सत्यापन के भी आदेश दिए गए।
शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण पर भी चर्चा
समिति ने सुझाव दिया कि इंटर कॉलेजों में शिक्षकों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाए और छात्रों को साप्ताहिक सत्रों के माध्यम से जागरूक किया जाए। स्वास्थ्य विभाग को संचारी रोगों से निपटने के लिए ग्राम स्तर पर बैठकें करने को कहा गया। वहीं, वन विभाग को निर्देश दिए गए कि रोपित पौधों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
* सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया जाएगा।
* ज्वलनशील फैक्ट्रियों में आपात प्रबंधन की तैयारी सुनिश्चित की जाए।
* पुराने कुओं को पुनर्जीवित किया जाएगा।
* होमगार्डों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
* योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष विभाग नियमित शिविर आयोजित करेगा।
जिलाधिकारी ने दिया कार्यान्वयन का भरोसा
बैठक के अंत में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने समिति को आश्वस्त किया कि सभी निर्देशों के अनुरूप कार्य योजना बनाकर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में समिति के सदस्य अंगद कुमार सिंह, पद्म सेन चौधरी और अरुण पाठक सहित जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस. चिनप्पा, डीएफओ स्वाति सिंह, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, अपर नगर आयुक्त सविता यादव सहित कृषि, सिंचाई, अग्निशमन, शिक्षा और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

