
संषर्घ समिति ने दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम, अभियंताओं के स्थानांतरण रद्द नही हुए तो आंदोलन
बिजली के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी 190 दिन से कर रहे आंदोलन




निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार है निजीकरण पर आमादा
वाराणासी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की पूर्वांचल कमेटी ने गुरूवार यानी पांच जून की शाम को प्रबन्ध निदेशक पूर्वांचल द्वारा कार्यवाही के नियत से किये गए स्थानांतरण के लिए नोटिस दे दिया है। नोटिस में स्पष्ट लिखा है gave 72 hoursकि प्रदेश के समस्त जिलां में बिजली के निजीकरण के विरोध में केंद्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर संघर्ष का कार्यक्रम चल रहा है। लेकिन पूर्वांचल के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही में तेजी देखी जा रही है। यह कतई उचित नही है।


इससे पूर्वांचल के बिजलीकर्मी और उग्र प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। साथ ही कहा कि यदि कार्यवाही की नीयत से किये गए स्थानांतरण को तत्काल वापस नही लिया गया तो 72घंटे बाद पूर्वांचल के समस्त बिजलीकर्मी किसी भी प्रकार के आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इससे उत्पन्न समस्त उद्योगिक अशांति की जिम्मेदारी प्रबन्ध निदेशक की होगी।


गौरतलब है कि प्रदेश के बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी और अधिकारी 190 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारी संगठन ने सरकार को बता दिया है कि अबतक जहां-जहां निजीकरण के प्रयोग हुए विफल रहा है। फिर भी कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं की उपेक्षा कर सरकार निजीकरण पर आमादा है। अब कर्मचारियों ने भी कह दिया है कि आर-पार की लड़ाई होनी तय है। हम कार्पोरेट हाउसों और सरकार की मनमानी नही चलने देंगे।


