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बनारस में निजीकरण का विरोध तेज : कल पन्नालाल पार्क में होगी जनजागरण सभा

बिजलिकर्मियों ने प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर किया जोरदार प्रदर्शन

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बिजली निजीकरण का टेंडर होते ही पूरे देश के 27 लाख बिजलीकर्मी एक दिन का सांकेतिक हड़ताल करेंगे

दो जुलाई को बिजलीकर्मियों के समर्थन में देश के  सभी जनपदों में होंगे व्यापक विरोध प्रदर्शन, 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल

वाराणसी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर दोपहर-2बजे से 5बजे तक बनारस के बिजलिकर्मियां ने बिजली के निजीकरण के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही यह घोषणा की गई कि कल से  बनारस के अलग-अलग क्षेत्रों में जनजागरण सभा किया जाएगा। इसके तहत मंगलवार को 33/11केवी विद्युत उपकेंद्र पन्नालाल पार्क पर जनजागरण सभा की जाएगी। कल भिखारीपुर में कोई सभा नही की जाएगी।

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वक्ताओं ने बताया कि बनारस की संघर्ष समिति ने निर्णय लिया कि अब कल से बनारस के अलग-अलग क्षेत्रो में जनजागरण सभा किया जाएगा। पन्नालाल पार्क में शाम-3बजे से जनजागरण सभा होगी। इसमें उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं व्यापार संगठन के पदाधिकारियों एवं अन्य  को सम्मिलित किया जाएगा। बताया कि चर्चा का विषय है कि बिजली के फाल्ट समय से दूर नही हो रहे हैं और जनता को परेशानी हो रही। लेकिन इसका मुख्य कारण हमारे पूर्वांचल के पूर्व निदेशक कार्मिक थे, जिन्होंने पूरे पूर्वांचल के सभी वितरण खंडों में संविदाकर्मियों की संख्या को कम कर दिया था। इसके कारण फील्ड के अधिकारी राजस्व वसूली को प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन स्थिति यह है कि 10 हजार उपभोक्ताओं को प्रत्येक शिफ्ट में 6 से 9 संविदाकर्मियों द्वारा राजस्व वसूली के साथ लाइन अनुरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इससे बनारस जैसे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में ही वर्तमान में पूर्व के साल से लगभग 400-500संविदाकर्मियों को निकाल दिया गया है। बिजली के मरम्मत होने में काफी समय लगने का यह प्रमुख कारण है।

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वक्ताओं ने बताया कि प्रबन्ध निदेशक पूर्वांचल को संघर्ष समिति पूर्वांचल कमेटी द्वारा पत्र के माध्यम से 5 सूत्रीय मांग पत्र लगभग 2 महीने से दिया गया है। किंतु उनके द्वारा समस्याओं का समाधान तो दूर की बात बल्कि द्विपक्षीय वार्ता के लिए आज तक पत्र नही जारी किया गया। इससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। यदि आगे भी यही स्थिति रही तो बड़े आंदोलन की संभावना से इनकार नही किया जा सकता। उन्होंने बताया कि सोमवार को नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की बैठक में निजीकरण के विरोध में 194 दिन से लगातार  आंदोलन की सराहना की गयी। उन्होंने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों, संविदाकर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं के दमन की निंदा भी की।

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चेतावनी दी गई कि यदि बिजलीकर्मियों का दमन न रुका तो देश के तमाम 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे। लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। कोऑर्डिनेशन कमिटी ने यह भी निर्णय लिया कि उत्तर प्रदेश में चल रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में आगामी 02 जुलाई को पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। खासकर उप्र में चल रही बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया के विरोध में 09 जुलाई को देशभर के बिजली कर्मी राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों, आम घरेलू उपभोक्ताओं और गरीब उपभोक्ताओं के व्यापक हित में तत्काल हस्तक्षेप कर उत्तर प्रदेश में चल रही बिजली की निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराएं। सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, ई. केके ओझा, ई. प्रीति यादव, ई. रुचि कुमारी, अलका कुमारी, प्रमोद कुमार, अंकुर पाण्डेय, संदीप कुमार, रंजीत पटेल, विजय नारायण हिटलर, सुनील कुमार, मनोज यादव,हेमंत श्रीवास्तव आदि ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता ई. नरेंद्र वर्मा ने और संचालन सौरभ श्रीवास्तव ने किया।
 

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