
जनजागरण सभा : बिजली का निजीकरण कर्मचारियों और जनता के हित में नहीं
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार और पावर कार्पोरेशन को चेताया




कहा-कई राज्यों में निजीकरण का प्रयोग नही रहा सफल
वाराणासी, भदैनी मिरर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले गुरूवार को भेलूपुर बिजली कार्यालय में कर्मचारियों ने जनजागरण सभा की। इसमें बड़ी संख्या में बिजलीकर्मी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। सभा में एक बार फिर बिजलीकर्मियों और जनप्रतिनिधियों ने यूपी में बिजली के निजीकरण जैसे घातक कदम न उठाने की अपील की। देश के विभिन्न प्रदेशों में निजीकरण का प्रयोग सफल नही रहा है। निजीकरण उपभोक्ताओं और बिजलीकर्मियों के हित में नही है। अब जनजागरण अभियान के तहत कल शुक्रवार को संघर्ष समिति ने कज्जाकपुरा में जनजागरण सभा करेगी।


सभा में ई. मायाशंकर तिवारी ने बताया कि निजीकरण के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर विद्युत नियामक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष को कोई अभिमत देने का नैतिक व कानूनी अधिकार नहीं है। अतः विद्युत नियामक आयोग को पॉवर कारपोरेशन द्वारा अवैध ढंग से नियुक्त किये गये कंसलटेंट द्वारा तैयार कराए गए निजीकरण के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर अपना अभिमत नहीं देना चाहिए। ओपी सिंह ने कहा कि पता चला है कि विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविन्द कुमार से आज पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल, निदेशक वित्त निधि नारंग, नियामक आयोग के सदस्य संजय सिंह और ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के साथ पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए आरएफपी डॉक्यूमेंट पर नियामक आयोग की संस्तुति लेने के मामले पर एक घण्टे से अधिक बातचीत हुई।


ई. एसके सिंह ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग को अवैध ढंग से नियुक्त, झूठा शपथ पत्र देने वाले और फर्जीवाड़ा स्वीकार कर लेने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा बनाए गए निजीकरण के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर पॉवर कारपोरेशन को कोई बात नहीं करनी चाहिए। संघर्ष समिति ने कहा कि किसी भी नियम के तहत विद्युत नियामक आयोग को पावर कॉरपोरेशन के कहने पर निजीकरण के किसी दस्तावेज़ पर अभिमत नहीं देना चाहिए। ई. पंकज जायसवाल ने कहा कि मुख्य बात यह है कि विद्युत नियामक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष अरविंद कुमार ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन के पद पर रहते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के साथ 06 अक्टूबर 2020 को एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं तत्कालीन ऊर्जा मंत्री माननीय श्रीकांत शर्मा की मौजूदगी में हुआ था। समझौते में लिखा गया है कि “पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाता है।

इसके अतिरिक्त किसी अन्य व्यवस्था का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार हेतु कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जाएगी । कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा।संघर्ष समिति ने कहा कि समझौते पर अरविंद कुमार के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने ऐसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है जिसमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की बात है। इसमें साफ लिखा है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। तो अरविंद कुमार विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष रहते हुए कैसे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के आर एफ पी डॉक्यूमेंट पर अपना अभिमत देने हेतु पॉवर कारपोरेशन और ग्रांट थॉर्टन के साथ मीटिंग कर रहे हैं।
समिति ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग के दूसरे सदस्य संजय सिंह उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के कर्मचारी रह चुके हैं। ऐसी स्थिति में पावर कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के डॉक्यूमेंट पर वे भी अपना अभिमत नहीं दे सकते। विद्युत नियामक आयोग में आज की तारीख में कोई मेंबर लॉ नहीं है। इस तरह विद्युत नियामक आयोग का तकनीकी दृष्टि से कोरम ही पूरा नहीं है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए विद्युत नियामक आयोग को निजीकरण के किसी भी डॉक्यूमेंट को कोई मंजूरी नहीं देनी चाहिए और न ही इस सम्बन्ध में कोई मीटिंग करनी चाहिए।
समिति ने एक बार पुनः कहा है कि पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष झूठे आंकड़े देकर, धमकी देकर और कर्मचारियों की सेवा शर्तों के बारे में गुमराह करके निजीकरण की जिद पर अड़े हुए है। इससे इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बना हुआ है। बिजली कर्मचारी नहीं चाहते कि इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ हो। पावर कारपोरेशन को निजीकरण की जिद छोड़ देनी चाहिए, जिससे बिजली कर्मचारी पूर्ण मनोयोग के साथ उपभोक्ताओं को बिजली देने के कार्य में जुटे रहे। सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, ई. एसके सिंह,ओपी सिंह, ई. पंकज जायसवाल, ई. रुचि कुमारी, संतोष वर्मा, जिउतलाल, हेमंत श्रीवास्तव, कृष्णा सिंह, रंजीत पटेल, मनोज जायसवाल, देवेंद्र सिंह, सौरभ श्रीवास्तव,रमाकांत पटेल, अरुण पटेल, जयप्रकाश आदि ने संबोधित किया।

