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देश के 16 राज्यों से राजघाट पहुंचे पदयात्री, भारी फोर्स के बीच गांधी प्रतिमा पर अर्पित की पुष्पांजलि

प्रशासन ने पूरे समूहों को एकसाथ नही जाने की दी अनुमति तो जत्थों में पहुंचे

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सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद की सभा और बुलंद की आवाज

वाराणसी, भदैनी मिरर। 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के अवसर पर ‘एक कदम गांधी के साथ पदयात्रा’ की शुरुआत सुबह 6 बजे तय थी। लेकिन प्रशासन ने दशहरा, कानून-व्यवस्था और पदयात्रा के लिए आधिकारिक अनुमति न लेने का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी। हालांकि पदयात्रियों के आग्रह और दबाव के बाद केवल छोटे समूहों में आगे बढ़ने की अनुमति मिली। देशभर के 16 राज्यों से आए प्रतिनिधि अलग-अलग जत्थों के रूप में राजघाट परिसर पहुंचे। यहां पहले से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रही। इसके बाद सभी ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किए।

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सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण 

पदयात्री छोटे-छोटे समूह में सर्व सेवा संघ परिसर राजघाट से चलकर मलदहिया पहुंचे और यहां सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और मानवता के हक में संकल्प लिया। यात्रा के बीच में प्रख्यात समाजवादी और स्वतंत्रता सेनानी डॉक्टर जीजी पारीख की मृत्यु की खबर मिली। पदयात्रा में शामिल सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने डॉक्टर पारीख की मृत्यु को मानवता की क्षति बताया।

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आरोपो की आंधी में अडिग गांधी पुस्तक का विमोचन

राजघाट स्थित जिस प्रशासन को सरकार ने अवैध दखल कर बुलडोजर से नष्ट कर दिया था,उसी के द्वारा प्रकाशित आरोपों की आंधी में अडिग गांधी, लेखिका सुजाता की पुस्तक का यात्रा के दौरान विमोचन किया गया। गांधी को निशाना बनाकर समाज में जो भ्रम बनाने की कोशिश होती है उसकी सच्चाई को यह पुस्तक उजागर करती है। इसके साथ ही अध्यक्ष चंदन पाल द्वारा लिखी पुस्तिका पदयात्राओं का ऐतिहासिक सिलसिला, एक कदम गांधी के साथ को सार्वजनिक किया गया। साथ ही चरखा संघ- चरखा आंदोलन के सौ साल होने के अवसर पर सर्वोदय डायरी के कवर पर महात्मा गांधी के मूल चित्र की प्रतिकृति आवरण कवर पर छापा गया हैं।

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चांदपुर पड़ाव के दौरान पदयात्रियों का भव्य स्वागत

दोपहर बाद पदयात्री अपने रात्रि पड़ाव सरस्वती महिला पीजी कॉलेज की ओर चल पड़े। दो घंटे की पदयात्रा के बाद पदयात्री अपने गंतव्य पर पहुंचे जहां किसान नेता विनय शंकर राय, संजीव सिंह, सतीश सिंह के नेतृत्व में पदयात्रियों का स्वागत किया गया । इसके बाद सभा आयोजित की गई। सभा के दौरान कॉलेज के प्रबंधक राजेश्वर सिंह पटेल ने पदयात्रियों का शुभकामना देते हुए पदयात्रा के उद्देश्यों से एकजुटता प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सद्भाव, समानता और लोकतंत्र सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया की जरूरत हैं। इस यात्रा में देश के 16 प्रदेशों के पदयात्री और सहयोगी शामिल हुए हैं। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, असम, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल के साथी पदयात्री दल समूह में शामिल हैं।

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कार्यक्रम में यह रहे शामिल

इस कार्यक्रम में सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल अध्यक्ष रामधीरज, सर्वसेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह व अरविंद अंजुम, सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक अशोक भारत, युवा प्रकोष्ठ के संयोजक भूपेश भूषण, उड़ीसा सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मिहिर प्रताप दास, पदयात्रा आयोजन समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर, सर्वोदय समाज के पूर्व संयोजक डॉ सोमनाथ रोड़े, विनोबा आश्रम, गागोदा की सरिता बहन, आचार्य कुल के अध्यक्ष आचार्य धर्मेंद्र, विदर्भ भू दान यज्ञ समिति के एकनाथ डगवार, लोक समिति के शिवजी सिंह, भारत जोड़ो अभियान के शाहिद कमाल, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के सुशील कुमार, राष्ट्रीय युवा संगठन के सचिन, कर्नाटक से डॉक्टर एम एच पाटिल, केरल सर्वोदय मंडल के कोषाध्यक्ष पवित्रन, दिवाकर, तमिलनाडु के श्रीनिवासन, ए आर पलानीसामी, तेलंगाना से खादर बैग, गुजरात से रश्मिन राठौड़, त्रिपुरा से जैनुल, सत्यमेव जयते के श्यामधर तिवारी, पश्चिम बंगाल से जीतेन नंदी, काजल मुखर्जी के अलावा मनीषा बनर्जी, जागृति राही, धनंजय सिंह, अनूप श्रमिक, विद्याधर, जोखन यादव, सिफ्लोरीन, निधि, संजीव सिंह, सिराज अहमद, अंतर्यामी बरल, जगदीश कुमार, टी के सिन्हा, अनोखेलाल, चौधरी राजेंद्र, रामजनम, सुरेश, राजनीत यादव, राबिया बेगम, गौरव पुरोहित, प्रियेश पांडेय, विवेक यादव, विवेक मिश्रा, सचिन त्रिपाठी, सौरभ त्रिपाठी, इंदु पांडेय, आसमा आदिवासी, दिवाकर सिंह, धनंजय त्रिपाठी, सानिया अनवर, विकास कुमार, पंकज श्रीवास्तव, आर पी गौतम, गोपाल आर टी आई, चंद्र मोहन पराशर, किसान नेता ईश्वर चंद्र त्रिपाठी सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वरचंद्र आदि शामिल हुए।

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