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बहराइच में हड़कम्प : मदरसे के शौचालय में बंद मिलीं 40 नाबालिग छात्राएं, अफसर भी हैरान

शिकायत मिलने पर प्रशासनिक अधिकारी ने फोर्स के साथ मारा छापा तो सच्चाई आई सामने

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बिना मान्यता के अवैध ढंग से संचालित हो रहा था मरदरसा

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिले के पयागपुर तहसील क्षेत्र के पहलवारा गांव में तीन मंजिला इमारत में चल रहे एक अवैध मदरसे पर बुधवार को प्रशासन ने छापा मारा। इस छापे से मदरसे में खलबली मच गई। एसडीएम अश्वनी पांडेय के नेतृत्व में जब मदरसे की तलाशी ली गई तो अंदर शौचालय से 40 नाबालिग छात्राएं मिलीं।

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छापे के दौरान मदरसा संचालक खलील अहमद ने पहले अधिकारियों को अंदर जाने से रोका लेकिन उपजिलाधिकारी ने सख्ती दिखाई तो पीछे हट गया। शौचालय में बंद बच्चियों की स्थिति देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। प्रशासन ने तत्काल मदरसे को बंद करने का आदेश जारी किया। अधिकारियों का कहना है कि संचालक ने लड़कियों को छिपाने की कोशिश की थी। इस मामले में अधिकारियों ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को सूचित कर दिया है। मामले की जानकारी के बाद पुलिस टीम पहुंच गई और जांच-पड़ताल कर रही है। अब मदरसे के संचालन, पंजीकरण, वित्तीय स्रोत और वहां रह रही छात्राओं के अभिभावकों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। आसपास के लोग भी मदरसे की कार्यप्रणाली और वहां की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। प्रशासन ने कहाकि बालिकाओं की सुरक्षा और जनहित से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। 

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पयागपुर के पहलवारा गांव के मदरसे का निरीक्षण चल रहा था। इस दौरान जब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मदरसे की ऊपरी मंजिल पर पहुंचे, तो उन्हें वहां का शौचालय बंद मिला। महिला पुलिसकर्मियों ने जब दरवाजा खुलवाया, तो भीतर से एक-एक कर करीब 40 नाबालिग बच्चियां बाहर आने लगीं। इन बच्चियों की उम्र 9 से 14 साल के बीच बताई जा रही है। बच्चियां सहमी हुई थीं। वे निरीक्षण टीम को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रही थीं। उप जिलाधिकारी अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि शिकायत के आधार पर अचानक छापे की कार्रवाई की गई। कहा कि शुरुआत में मदरसा संचालकों ने हमें ऊपर जाने से रोका। लेकिन, पुलिस बल के साथ अंदर प्रवेश किया तो छत पर बने शौचालय में बच्चियां बंद मिलीं।

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मदरसा संचालकों से जब उनसे पूछा गया कि बच्चियां शौचालय में क्यों छिपाई गईं? इस पर मदरसे की शिक्षिका तकसीम फातिमा ने सफाई दी कि निरीक्षण की अचानक कार्रवाई से मची अफरातफरी के कारण बच्चियां डर गईं। वे खुद शौचालय में जाकर छिप गईं थीं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद ने बताया कि मदरसे के कागजातों और गतिविधियों की जांच शुरू कर दी गई है। गैर-मान्यता प्राप्त होने के कारण मदरसे को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी बच्चियों को सुरक्षित उनके घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है। अब प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि मदरसा बिना अनुमति कैसे संचालित हो रहा था। बच्चियों को शौचालय में बंद करने की वजह क्या थी और क्या गैर-मान्यता प्राप्त होने के कारण इस मामले में बाल अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।  अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) रामानंद प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि अभी तक किसी अभिभावक, उप जिलाधिकारी या अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कोई तहरीर नहीं दी है। यदि किसी प्रकार की शिकायत मिलती है तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी।  
 

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