कई संगीन वारदातों को अंजाम देनेवाला कुख्यात अपराधी और एक लाख का इनामी अजय उर्फ विजय गिरफ्तार
अंडरपास के पास सारनाथ पुलिस के हत्थे चढ़ा गैंग लीडर
वाराणसी के बहुचर्चित डीपी सिंह, लखनऊ में टीटीई विजयशंकर सिंह की हत्या समेत कई संगीन मामलों में रहा शामिल
वाराणसी, भदैनी मिरर। सारनाथ पुलिस ने मंगलवार की भोर में कुख्यात अपराधी और एक लाख के इनामिया गैंग सरगना अजय उर्फ विजय को अंडरपास के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसका खुद का गैंग है और वह उसका लीडर है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी, गैंगस्टर एक्ट सहित 25 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने उसके पास से असलहा भी बरामद किया है। पुलिस ने बताया कि वह सारनाथ क्षेत्र में काफी दिनों से किसी की रेकी कर रहा था। वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में था।



13 सितंबर 2007 को वाराणसी के पांडेयपुर में सरकारी चिकित्सक डॉ. डीपी सिंह की गोली मारकर हत्या के बहुचर्चित मामले में भी अजय सिंह को आरोपित था। उसी समय से इसका नाम सुर्खियों में आया। इसका एक भाई केके सिंह था। दोनों जरायम जगत में सक्रिय थे। 2 मई 2022 को लखनऊ में शराब पीने के दौरान हुए विवाद में प्रॉपर्टी डीलर और टीटीई विजयशंकर सिंह को गोली मार दी गई थी। इस मामले में अजय सिंह समेत छह से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इससे पहले वर्ष 2012 में गाजीपुर के सैदपुर में सराफा कारोबारी भाइयों को गोली मारकर लाखों की लूट में भी उसका नाम सामने आया था।

अप्रैल 2013 में कैंट पुलिस ने उसे 9 एमएम पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। सितंबर 2022 में अजय सिंह ने चंदौली की अदालत में गैंगस्टर एक्ट के पुराने मामले में सरेंडर किया था। उस समय भी वह 1 लाख रुपये का इनामी था और बाद में वाराणसी जिला कारागार में बंद रहा। वर्ष 2013 में वाराणसी के खासकर वरूणा पार के कारोबारियों व डॉक्टरों के बीच आतंक का पर्याय बन चुका था। अजय एक डॉक्टर से रंगदारी वसूलने के लिए होली से एक दिन पहले आया था। इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। अजय उर्फ विजय फतेहपुर जिले के खागापुरैनी गांव का निवासी है। उसने रांची (झारखंड) में भी अपना ठिकाना बना रखा था। भभुआ (बिहार) के भगवानपुर गांव के मुखिया छोटन पांडेय की मदद से वह रांची में किराये के मकान में रह रहा था। अजय बड़े व्यापारी, ठेकेदारों और डाक्टरों से रंगदारी वसूलता है। अजय सिंह कभी सन्नी सिंह गिरोह का मुख्य शूटर हुआ करता था। सन्नी सिंह के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद दूसरे गिरोह में शामिल हो गया। अजय सिंह खुद अपना गिरोह चलाता है।

